
जबलपुर, 27 फरवरी 2025: आगामी मार्च से शुरू होने वाले पवित्र माह रमजान में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों और मस्जिदों के पास बेहतर व्यवस्थाओं की सुनिश्चितता के लिए मुस्लिम विकास परिषद ने नगर निगम को ज्ञापन सौंपा है। यह ज्ञापन अपर आयुक्त को मुस्लिम विकास परिषद के जिला अध्यक्ष डॉ. मुईन अंसारी और अन्य प्रमुख पदाधिकारियों के नेतृत्व में सौंपा गया।
इस ज्ञापन में परिषद ने नगर निगम प्रशासन से रमजान के दौरान मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के आठ वार्डों में आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है। इनमें मस्जिदों के आसपास से कचरे के ढेरों को हटाना, नालियों की सफाई कराना, चूने की लाइनों की व्यवस्था करना, मच्छरों के प्रकोप को समाप्त करने के लिए फागिंग मशीन का संचालन, बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों को चालू करना, और बिजली कटौती को रोकने के लिए सुनिश्चित कदम उठाने की बात की गई है।
इसके अतिरिक्त, परिषद ने नलों से पानी की आपूर्ति का समय बढ़ाने, पानी के टैंकरों की व्यवस्था करने और अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए भी नगर निगम प्रशासन से उचित कदम उठाने की मांग की है।
ज्ञापन सौंपने के दौरान हाजी मुईन खान, ताहिर खोखर, टीकाराम कोष्टा, अलीम मंसूरी, पूर्व पार्षद शाबान मंसूरी, एडवोकेट निसार अंसारी, अहमद रज़ा, इस्लाम अली, अशफाक आरिफ, हाशिम राजा, गुलाम साबरी, फैजान कुरैशी, बब्लू कुरैशी, शाहिद कुरैशी, तारिक कुरैशी, जिया उल हक अंसारी, नोषाद खलीफा, अशरफ कुरैशी, इरफान कुरैशी, मेहताब अली, लियाकत जावेद, खालिद कुरैशी, डॉ. निसार अंसारी, मुज्जफर कुरैशी, एडवोकेट अकबर उस्मानी, इस्तियाक अंसारी, साजिद काजी, गुलाम किबरिया, मामूर गुड्डू, शेख निजामी, अब्दुल बाकी खान, अशरफ शिराजी, मो. जावेद, मुख्तार अंसारी, मुजीब अंसारी, मुनीर अंसारी, निसार मंसूरी, सोहेल खान, असीम राजा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
निगम प्रशासन की जिम्मेदारी पर प्रकाश
इस ज्ञापन के माध्यम से मुस्लिम विकास परिषद ने नगर निगम प्रशासन से रमजान माह के दौरान नागरिकों की सुविधा के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है। परिषद का मानना है कि रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय को विशेष रूप से साफ-सफाई, जल आपूर्ति, बिजली, और सुरक्षा व्यवस्था जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने धार्मिक कार्यों को शांतिपूर्वक और बिना किसी कठिनाई के संपन्न कर सकें।
इस ज्ञापन के जरिए परिषद ने नगर निगम प्रशासन को आगाह किया है कि यदि इन सुविधाओं में कोई कमी पाई जाती है, तो इससे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जो किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं होगा।