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(जबलपुर) कानफोडू डीजे पर अंकुश लगाने क्या कार्रवाई की | हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

जबलपुर, (ईएमएस)। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने राज्य शासन से पूछा है कि कानफोडू डीजे पर प्रतिबंध लगाने क्या कार्रवाई की जा रही है। इस सिलसिले में राज्य शासन व अन्य को इस संबंध में जवाब पेश करने के निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 21 मार्च को नियत की है।

जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने याचिका दायर कर बताया कि शादी-समारोह और धार्मिक आयोजनों में अत्यधिक तेज आवाज में बजने वाले डीजे न केवल मनुष्य स्वास्थ्य के लिए बल्कि सामाजिक समरसता के लिए भी घातक हैं। इनकी वजह से कई बार विवाद की स्थितियां बन चुकी हैं। सामाजिक व सांप्रदायिक सौमनस्य बिगड़ चुका है। वर्तमान कानून डीजे की अराजकता पर अंकुश लगाने की दृष्टि से नाकाफी है। ऐसे प्रावधान नहीं हैं, जिनका उपयोग कर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जा सके। इसका फायदा उठाकर तेज आवाज में डीजे बजाए जाते हैं।

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आवासीय क्षेत्रों में 55 डेसीबल दिन के समय और रात्रि में 45 डेसीबल आवाज का मानक निर्धारित किया गया है। इसके बावजूद 70 और उससे कहीं अधिक तेज आवाज में डीजे बजाकर लोगों के कान फोड़ने का रवैया अपनाया जाता है। अधिवक्ता गुप्ता ने बंद कोर्ट रूम में अनुमति लेकर 70 डेसीबल की आवाज सुनाई। साथ ही डीजे को पूरी तरह प्रतिबंधित करने और किसी के पास यह पाए जाने पर जब्त किए जाने की कार्रवाई की मांग की गई।

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