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ईरान इजरायल जंग पर भारत सरकार का आया बयान

ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमले के जवाब में ईरान ने इजरायल पर हमला कर एक नए युद्ध की शुरुआत कर दी है। दोनों देश दशकों से एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। अगर यह युद्ध बढ़ता है तो खाड़ी क्षेत्र और भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। वहीं भारत ने हमले पर चिंता की है। इजरायल और ईरान के बीच शुरू हुए इस संघर्ष से हजारों भारतीयों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

भारत ने रविवार को कहा कि वह इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष को लेकर चिंतित है। इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है। मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि हम तनाव को तत्काल कम किये जाने, संयम बरतने, हिंसा से परहेज करने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आग्रह करते हैं। भारत हालात पर नजर रखे हुए है। मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्र में हमारे दूतावास भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं। यह जरूरी है कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहे।

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इजरायल में भारतीय दूतावास ने एडवायजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि हाल की घटनाओं को देखते हुए इजरायल में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों को शांत रहने और इजरायली अधिकारियों की ओर से जारी प्रोटोकॉल का पालन करें। दूतावास सभी नागरिकों के संपर्क में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल में 18 हजार भारतीय हैं। वहीं ईरान में 4 हजार भारतीय रहते हैं। ऐसे में इस संघर्ष के बीच 22 हजार भारतीय फंसे हुए हैं।

इस हमले के कारण दुनिया तीसरे विश्व युद्ध् ना शुरु हो जाए इसको लेकर चिंतित है। रूस-यूक्रेन का युद्ध पहले से ही चल रहा है। इसके बाद इजरायल और हमास का संघर्ष शुरू हो गया। ऐसे में अगर एक और युद्ध शुरू होता है, तो दुनिया पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा।

हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि आज की रात इजरायल को जीत मानना चाहिए। क्योंकि वर्तमान अमेरिकी आकलन यह है कि ईरान का हमला काफी हद तक असफल रहा और इजरायल के डिफेंस सिस्टम कारगर साबित हुए।

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बता दें एक अप्रैल को सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था, जिसमें कई ईरानी मिलिट्री कमांडर मारे गए थे। ईरान ने कहा था कि यह हमला इजरायल ने किया था। वहीं इजरायल इस हमले से इनकार करता रहा है

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