गाज़ा में फ़लस्तीनी मुजाहिदों का जोरदार हमला: इज़राइली बख्तरबंद गाड़ी तबाह, 7 सैनिक हलाक

खान यूनिस, 25 जून 2025 । फ़लस्तीनी मुजाहिदों ने दक्षिणी गाज़ा के खान यूनिस में इज़राइली फ़ौज पर एक ज़बरदस्त हमला बोलकर सात सैनिकों को हलाक कर दिया। यह हमला मंगलवार को हुआ, जब मुजाहिदों ने पहले से तय रास्ते पर लगाए गए बारूदी सुरंग को फटाकर एक प्यूमा बख्तरबंद गाड़ी (APC) को निशाना बनाया। इस धमाके में गाड़ी में आग लग गई और उसमें सवार सातों सैनिक जलकर मर गए। इस कामयाबी ने हिंदुस्तानी मुसलमानों, ख़ासकर उर्दू और हिंदी बोलने वाले समुदायों में जोश पैदा किया है, जो फ़लस्तीनी मुजाहिदों की हिम्मत और जज़्बे को अपनी इस्लामी एकता की मिसाल मानते हैं।
मुजाहिदों की रणनीति ने इज़राइल को हिलाया
इज़राइली फ़ौज ने बुधवार को इस हमले की तसदीक़ की, जिसमें एक अफ़सर समेत सात सैनिक मारे गए। शुरुआती तहक़ीक़ात के मुताबिक, फ़लस्तीनी मुजाहिदों ने इज़राइली टुकड़ियों के रास्ते पर बारूदी सुरंग बिछाई थी। धमाके के बाद प्यूमा गाड़ी में आग लग गई, और सैनिकों को बाहर निकलने का मौक़ा न मिल सका। शवों की हालत इतनी खराब थी कि उनकी शिनाख्त में घंटों लग गए।
हमले की कामयाबी की तसदीक़ अल-क़स्साम ब्रिगेड्स ने भी की, जो हमास की सैन्य शाखा है। उन्होंने बताया कि यह हमला खान यूनिस के दक्षिणी हिस्से में हुआ, जहां उन्होंने यासीन 105 मिसाइल और आरपीजी का इस्तेमाल किया। एक और हमले में मुजाहिदों ने इज़राइली मरकावा टैंक को शवाज़ बारूदी सुरंग से निशाना बनाया।
इज़राइली फ़ौज पर बढ़ता दबाव
यह हमला हाल के हफ्तों में इज़राइली फ़ौज के लिए सबसे खतरनाक वारदातों में से एक है। उसी दिन खान यूनिस में एक और टकराव में दो इज़राइली सैनिक ज़ख्मी हुए, जिनमें से एक की हालत नाज़ुक है। इज़राइली मीडिया ने इस हमले को “झटका” क़रार दिया और कहा कि इससे फ़ौज और अवाम पर सियासी और नफ्सियाती दबाव बढ़ गया है।
फ़लस्तीनी मुजाहिदों की यह कामयाबी उनकी गैर-मरकज़ी और चालाक रणनीति को दिखाती है, जिसने खान यूनिस जैसे इलाक़ों में इज़राइली फ़ौज को नाकों चने चबवा दिए। इज़राइली फ़ौज की भारी मशीनरी और हथियारों के बावजूद, मुजाहिदों ने अपनी हिम्मत और जज़्बे से उन्हें बार-बार मुंह की खानी पड़ी है।
गाज़ा में इज़राइल की जंग और ज़ुल्म
यह हमला ऐसे वक़्त में हुआ है, जब इज़राइल गाज़ा में अपनी जंग को और तेज़ कर रहा है। गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इज़राइली हमलों में हर रोज़ दर्जनों फ़लस्तीनी शहीद हो रहे हैं, ख़ासकर उन जगहों पर जहां लोग राहत सामग्री लेने जमा होते हैं। मंगलवार को खान यूनिस में इज़राइली टैंकों और ड्रोनों ने राहत के इंतज़ार में जुटी भीड़ पर हमला किया, जिसमें 70 से ज़्यादा लोग शहीद और सैकड़ों ज़ख्मी हुए।
इज़राइल ने गाज़ा पर तीन महीने से सख्त नाकाबंदी कर रखी थी, जिसे हाल में कुछ ढील दी गई, मगर संयुक्त राष्ट्र और दूसरी एजेंसियों का कहना है कि यह नाकाफी है। गाज़ा में 23 लाख लोग भुखमरी के कगार पर हैं, और इज़राइली हमलों ने ज़्यादातर घर, अस्पताल और स्कूल तबाह कर दिए हैं।
हिंदुस्तानी मुसलमानों में जोश और एकजुटता
हिंदुस्तान के मुस्लिम समुदाय, ख़ासकर लखनऊ, हैदराबाद, दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में, इस हमले को फ़लस्तीनी मुजाहिदों की हिम्मत और इस्लामी एकता की मज़बूत मिसाल मान रहे हैं। एक्स प्लेटफॉर्म पर कई मुसलमानों ने मुजाहिदों की तारीफ़ की और इसे “ज़ुल्म के ख़िलाफ़ जज़्बे की जीत” बताया।
लखनऊ की एक मस्जिद में जलसे में एक आलिम ने कहा, “फ़लस्तीनी भाइयों ने दिखाया कि ईमान और हौसले से कोई ताक़त नहीं हार सकती। यह हमारी उम्मत की ताकत है।” हैदराबाद में नौजवानों ने सोशल मीडिया पर फ़लस्तीनी झंडे के साथ पोस्ट शेयर किए, जिसमें लिखा था, “गाज़ा की जीत, हमारी जीत।”
ईरान की जीत से मेल
यह हमला ऐसे वक़्त में हुआ है, जब ईरान ने भी इज़राइल के ख़िलाफ़ अपनी 12 दिन की जंग में जीत हासिल की है। राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने इस जीत को ईरानी अवाम की एकजुटता का नतीजा बताया और शांति का पैग़ाम दिया। हिंदुस्तानी मुसलमान इस्लामी दुनिया की इन दोनों कामयाबियों को अपनी मज़हबी एकता और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ मुक़ाबले की मिसाल मान रहे हैं।