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भारतीय नौसेना को मिला ‘निस्तार’ युद्धपोत, गहरे समुद्र में अब और सशक्त होंगे बचाव अभियान

भारत की समुद्री सुरक्षा और आपातकालीन बचाव क्षमताओं को एक नई ताकत मिली है। विशाखापत्तनम में आयोजित एक विशेष समारोह के दौरान हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) ने भारतीय नौसेना को अत्याधुनिक तकनीक से लैस, पूरी तरह स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित ‘निस्तार’ युद्धपोत सौंपा। यह पोत समुद्र की गहराइयों में चलाए जाने वाले गोताखोरी अभियानों और पनडुब्बी बचाव मिशनों के लिए बेहद अहम साबित होगा।

🌊 गहरे समुद्र में बचाव अभियानों की नई ताकत

नया युद्धपोत ‘निस्तार’ भारतीय नौसेना के लिए एक रणनीतिक संपत्ति है। यह गहरे समुद्र में 300 मीटर तक गोताखोरी में सक्षम है और इसमें 75 मीटर की गहराई तक साइड डाइविंग स्टेज की विशेष सुविधा भी दी गई है। यह पोत आपात स्थितियों में डूबती पनडुब्बियों से कर्मचारियों को सुरक्षित निकालने के लिए डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) का मदर शिप भी बन सकता है।

⚙️ तकनीकी विशेषताएं

  • लंबाई: 118 मीटर
  • कुल वजन: 10,000 टन
  • गोताखोरी गहराई: 300 मीटर
  • रिमोट से संचालित वाहन: 1000 मीटर की गहराई तक निगरानी और बचाव कार्य में सक्षम
  • स्वदेशी सामग्री: 75 प्रतिशत
  • नाम का अर्थ: ‘निस्तार’ संस्कृत से लिया गया शब्द है, जिसका अर्थ होता है मुक्ति, बचाव, या मोक्ष

🇮🇳 आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की दिशा में बड़ी छलांग

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह युद्धपोत भारत के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियानों का बेहतरीन उदाहरण है। इस युद्धपोत का डिज़ाइन और निर्माण पूरी तरह भारत में हुआ है, जिससे भारत उन चंद देशों की सूची में शामिल हो गया है जिनके पास इतने अत्याधुनिक गहरे समुद्र बचाव पोत मौजूद हैं।

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🧭 भविष्य की सैन्य रणनीति के लिए अहम

पिछले कुछ दिनों में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच सीमाओं पर तनाव बरकरार है। ऐसे में ‘निस्तार’ जैसे पोत भारतीय नौसेना को संकट की घड़ी में तेज़ और सुरक्षित बचाव अभियान चलाने में मदद करेंगे। युद्धपोत की यह ताकत नौसेना को रणनीतिक रूप से और अधिक आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी।

🛳️ समारोह में दिखा सैन्य गौरव

विशाखापत्तनम में आयोजित समारोह के दौरान नौसेना अधिकारियों और रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने ‘निस्तार’ के समुद्री परीक्षण और कार्यक्षमता की सराहना की। इसे नौसेना की सक्षम और तकनीकी रूप से उन्नत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम बताया गया।

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