
जबलपुर 14 जुलाई 2025। जबलपुर कैंट बोर्ड द्वारा शिवाजी ग्राउंड में धार्मिक आयोजनों पर शुल्क निर्धारण किए जाने के फैसले के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। इस निर्णय को हिन्दू धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध बताते हुए कई धार्मिक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि केंट बोर्ड द्वारा यह आदेश तुरंत वापस नहीं लिया गया, तो मंगलवार 15 जुलाई को सदर बाजार पूर्णतः बंद रहेगा और कैंट बोर्ड के सीईओ के आवास के सामने धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
क्या है विवाद?
कई वर्षों से शिवाजी ग्राउंड में धार्मिक आयोजन, विशेषकर रामलीला और धनुष यज्ञ, निःशुल्क होते आए हैं। आयोजकों का कहना है कि अब तक इस ग्राउंड पर किसी भी आयोजन के लिए शुल्क नहीं लिया गया, लेकिन अब भारी-भरकम शुल्क लगाए जा रहे हैं, जिससे आयोजनों की निरंतरता पर खतरा मंडरा रहा है।
आंदोलन की रूपरेखा:
- मंगलवार, 15 जुलाई को सुबह 10 बजे, रामभक्त शिवाजी मैदान में एकत्रित होंगे।
- वहां से स्व. गंगा प्रसाद तिवारी वाजपेई अखाड़ा के नेतृत्व में कैंट बोर्ड के सीईओ का घेराव किया जाएगा।
- साथ ही सदर बाजार बंद रहेगा और प्रदर्शन के माध्यम से टैक्स वापस लेने की मांग की जाएगी।
क्या कह रहे हैं संगठन?
रामभक्तों और आयोजकों का कहना है कि राम का नाम लेने पर टैक्स लगाना न केवल अनुचित है, बल्कि यह हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं पर आघात है। उन्होंने इसे “तुगलकी फरमान” करार देते हुए तत्काल वापसी की मांग की है।
आंदोलन को श्री धनुष यज्ञ रामलीला समिति के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस पार्टी, अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल, और सदर बाजार की अनेक गणेश एवं दुर्गा उत्सव समितियों का समर्थन प्राप्त है। कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी खुलकर इस आंदोलन के साथ आने की घोषणा की है।
प्रशासन की स्थिति
फिलहाल केंट बोर्ड की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन आंदोलन के व्यापक समर्थन और जनभावनाओं को देखते हुए प्रशासन के सामने दबाव बढ़ता जा रहा है।