
देश में लंबे समय बाद एक बार फिर जातिगत जनगणना होने वाली है। यह जनगणना इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि इससे पता चलेगा कि कौन सी जाति कितनी संख्या में है, और उन्हें सरकार से क्या-क्या फायदे मिलने चाहिए। लेकिन इसके पहले ही पिछड़ा वर्ग (OBC) की सूची को लेकर एक बड़ा मुद्दा सामने आ गया है – जिससे कई जातियों को उनका पूरा हक नहीं मिल पा रहा है।
इस गंभीर मुद्दे को लेकर युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रिज़वान अली कोटी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर रूपेश रत्न सिंघई को दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रिज़वान अली कोटी ने बताया राज्य और केंद्र सरकार की OBC (पिछड़ा वर्ग) की सूचियों में बड़ा फर्क है। मध्यप्रदेश सरकार ने 320 जातियों को OBC की सूची में शामिल किया है। इसका मतलब ये कि इन जातियों को पढ़ाई, नौकरी और सरकारी योजनाओं में आरक्षण मिलता है। लेकिन केंद्र सरकार (दिल्ली की सरकार) की लिस्ट में इनमें से 32 जातियों का नाम ही नहीं है।
रिज़वान अली कोटी ने कहा इसका सीधा असर यह है कि इन 32 जातियों को सिर्फ राज्य सरकार से मिलने वाले फायदे मिलते हैं, लेकिन जब बात केंद्र सरकार की नौकरियों, कॉलेजों या योजनाओं की आती है, तो वहां इन्हें OBC का लाभ नहीं मिल पाता।
युवक कांग्रेस के अदनान अंसारी ने बताया इस गड़बड़ी से कई जातियां प्रभावित हो रही हैं, जिनमें मुस्लिम समाज की शेख मेहतर, मुकेरी, मकरानी जैसी जातियां भी शामिल हैं। ये जातियां सामाजिक और आर्थिक रूप से पहले से ही पिछड़ी मानी जाती हैं, लेकिन अगर केंद्र की सूची में उनका नाम नहीं है तो उन्हें देश भर की कई बड़ी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ेगा।
ज्ञापन में यह साफ तौर पर कहा गया कि जब OBC की जातियों को लेकर दोनों सरकारों की सूचियों में अंतर है, तो आने वाली जातिगत जनगणना, और उससे जुड़ी नीतियों में बड़ी गड़बड़ी हो सकती है। इससे आरक्षण, छात्रवृत्ति, शिक्षा और नौकरियों जैसे अहम क्षेत्रों में इन जातियों को नुकसान होगा।
अदील सैय्यद ने बताया युवा कांग्रेस ने केंद्र सरकार से साफ तौर पर मांग की है कि —
- मध्यप्रदेश सरकार की सूची में जो भी जातियां OBC के अंतर्गत आती हैं, उन्हें केंद्र सरकार की OBC सूची में भी जोड़ा जाए।
- जातिगत जनगणना से पहले यह काम जरूरी है, ताकि आंकड़ों और नीतियों में कोई भ्रम या भेदभाव न हो।
- इस विसंगति को खत्म करने से हज़ारों छात्रों, बेरोज़गार युवाओं और जरूरतमंद परिवारों को उनका हक मिल सकेगा।
ज्ञापन देने के दौरान युवा कांग्रेस से जुड़े रिज़वान अली कोटी, अदनान अंसारी, रियाज अली, अदील सैय्यद सहित कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे। उन्होंने एक सुर में कहा कि अगर यह गड़बड़ी समय पर नहीं सुधारी गई, तो आने वाले वर्षों में OBC समुदाय की कई जातियां सरकारी योजनाओं और आरक्षण से वंचित रह जाएंगी।
क्यों है यह मुद्दा हर परिवार के लिए अहम?
यह सिर्फ तकनीकी गलती नहीं है। अगर आपकी जाति राज्य की OBC लिस्ट में है लेकिन केंद्र की लिस्ट में नहीं, तो आपके बच्चे को दिल्ली या अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षण नहीं मिलेगा, आपको केंद्र की नौकरी में छूट नहीं मिलेगी, और कई सरकारी योजनाओं में आप पीछे रह जाएंगे।
इसलिए अब नज़र इस पर है कि क्या केंद्र सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेती है और इन जातियों को उनका पूरा हक दिलाती है या नहीं।