मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस चुनाव: यश घनघोरिया प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे, जबलपुर में सबसे अधिक मतदान से बढ़ीं संभावनाएं

मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस चुनाव । मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस के इतिहास में पहली बार हुए ऑनलाइन चुनाव ने संगठन की कार्यप्रणाली और युवाओं की भागीदारी को लेकर एक नया अध्याय जोड़ा है। इस चुनाव में जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर जैसे शहरी क्षेत्रों में सर्वाधिक मतदान दर्ज हुआ है, जिनमें जबलपुर ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। इस बढ़ती भागीदारी के बीच यश घनघोरिया प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे चर्चित और मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं।
जबलपुर से निकले युवा चेहरा, संगठन और परिवार दोनों का साथ
यश घनघोरिया, जो जबलपुर से विधायक और पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के पुत्र हैं, एक युवा और ऊर्जावान चेहरा हैं। उनके पास न केवल संगठन का अनुभव है बल्कि राजनीतिक पारिवारिक विरासत भी, जो चुनावी रणनीति में उन्हें लाभ देती है।
इस चुनाव में जबलपुर से सबसे अधिक मतदान होने के कारण उन्हें स्थानीय समर्थन और संगठनात्मक मजबूती का फायदा मिल रहा है। यश ने सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं से गहन संवाद स्थापित किया, जिससे खासकर शहरी पढ़े-लिखे युवा वर्ग में उन्हें अच्छी पकड़ मिली।
अध्यक्ष पद के लिए त्रिकोणीय मुकाबला
हालांकि यश को पूरी तरह निर्विरोध रास्ता नहीं मिला है। प्रदेश अध्यक्ष पद पर त्रिकोणीय मुकाबला बन चुका है:
- यश घनघोरिया (जबलपुर)
- अभिषेक परमार (भोपाल) – राजधानी के संगठनात्मक अनुभव और वरिष्ठ नेताओं से संबंध
- शिवराज यादव (ग्वालियर) – एनएसयूआई के वर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष और छात्रों में मजबूत पकड़
शिवराज यादव के मैदान में आने से मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है क्योंकि वह छात्रों के बीच सक्रिय रहने वाले संगठनकर्ता हैं और चंबल अंचल में उनका अच्छा प्रभाव है।
ऐतिहासिक सदस्यता और डिजिटल मतदान प्रणाली
इस चुनाव में युवक कांग्रेस ने रिकॉर्ड 15 लाख से अधिक नए सदस्य बनाए, हालांकि इनमें से करीब 75,000 सदस्य ऐसे पाए गए जिन्होंने सदस्यता शुल्क नहीं जमा किया, जिससे उनका वोट अमान्य कर दिया गया। इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में युवाओं का संगठन से जुड़ना एक सकारात्मक राजनीतिक संकेत है।
चुनाव में डिजिटल तकनीक के जरिए वोटिंग करवाई गई, जिसमें वोट डालते समय वीडियो वेरिफिकेशन भी अनिवार्य था। यह प्रक्रिया संगठन की पारदर्शिता और निष्पक्षता को दर्शाती है।
परिणाम में दो महीने की देरी, स्कूटनी जारी
युवक कांग्रेस की वोटिंग प्रक्रिया 19 जुलाई को समाप्त हो चुकी है। हालांकि, परिणाम आने में अभी लगभग दो महीने का समय लग सकता है।
वजह है डिजिटल स्कूटनी, जिसके अंतर्गत यह जांचा जा रहा है कि:
- सदस्यों ने सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड किए या नहीं,
- वोटिंग प्रक्रिया सही ढंग से पूरी की गई या नहीं,
- सदस्यता की शर्तों का पालन किया गया या नहीं।
परिणाम तभी घोषित होंगे जब स्कूटनी पूरी कर ली जाएगी और सभी संदेहों को दूर कर लिया जाएगा।
यश की संभावनाएं क्यों हैं सबसे प्रबल?
- जबलपुर में सबसे ज्यादा वोटिंग – स्थानीय समर्थन में भारी बढ़त।
- संगठन में सक्रियता – लंबे समय से युवा कांग्रेस और सामाजिक गतिविधियों से जुड़े।
- राजनीतिक पृष्ठभूमि – रणनीतिक सोच और चुनावी अनुभव का लाभ।
- ग्राउंड कनेक्ट + डिजिटल प्रचार – सोशल मीडिया से लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं तक मजबूत नेटवर्क।
इस समय यश घनघोरिया प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में “फ्रंट रनर” माने जा रहे हैं। जबलपुर में रिकॉर्ड वोटिंग और संगठित प्रचार उनके पक्ष में जाता है, लेकिन अंतिम जीत का निर्धारण स्कूटनी के बाद ही होगा।
यदि जबलपुर के वोट वैध माने गए और तकनीकी रूप से यश की सदस्यता और मतदान प्रक्रिया सही पाई गई, तो उनका प्रदेश अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा सकता है।
यह चुनाव न केवल युवक कांग्रेस के भीतर लोकतांत्रिक संस्कृति को मजबूत कर रहा है, बल्कि यह भी संकेत दे रहा है कि मध्य प्रदेश में युवाओं का राजनीतिक भविष्य अब तकनीक और पारदर्शिता की ओर बढ़ रहा है।