
जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर का वर्षों पुराना सपना अब हकीकत बन गया है। लगभग दो दशक की प्रतीक्षा के बाद शहर को पहला और प्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर मिल गया है। इसका लोकार्पण केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया।

✨ हमारे फ्लाईओवर की खासियतें
1️⃣ लागत – 1052 करोड़ रुपये की लागत से हुआ निर्माण।
2️⃣ लंबाई – 6.85 किलोमीटर, जो इसे मध्यप्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनाता है।
3️⃣ केबल स्टे ब्रिज – 192 मीटर लंबा सिंगल स्पान, जो तकनीकी दृष्टि से बेहद आधुनिक है।
4️⃣ बो-स्ट्रिंग ब्रिज – 03 सुंदर बो-स्ट्रिंग ब्रिज, जिन्होंने सौंदर्य में चार चांद लगाए।
5️⃣ डिजिटल सिग्नल – 12 स्थानों पर अत्याधुनिक डिजिटल सिग्नल, रात में और भी मनमोहक दृश्य।
6️⃣ दिशा सूचक बोर्ड – 10 जगह लगाए गए बोर्ड, जिससे सफर और भी आसान।
7️⃣ हरियाली – 50 हजार पौधों का रोपण, जिससे यह कॉरिडोर हरित पट्टी में तब्दील हुआ।
8️⃣ यात्रा समय – पहले 45 मिनट लगते थे, अब वही सफर सिर्फ 7 मिनट में पूरा।
9️⃣ ईंधन बचत – अब मात्र एक-तिहाई ईंधन खर्च होगा।
🔟 पर्यावरण लाभ – वायु प्रदूषण घटेगा और शहर की हवा की गुणवत्ता सुधरेगी।

🎯 सिर्फ ट्रैफिक नहीं, विकास भी
इस परियोजना के तहत फ्लाईओवर के नीचे बास्केटबॉल कोर्ट, ओपन जिम और पार्क भी विकसित किए गए हैं। यह न सिर्फ आवागमन को सुगम बनाएगा बल्कि लोगों के लिए स्वास्थ्य और मनोरंजन की सुविधाएँ भी देगा।
📜 दो दशक लंबा सफर
इस फ्लाईओवर का खाका 2004 में तैयार हुआ था। वास्तविक निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ और कोरोना काल जैसी कठिन परिस्थितियों के बावजूद इसे पूरा किया गया। लोक निर्माण विभाग और निर्माण एजेंसी नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनसीसी) ने इसे मूर्त रूप देने में अहम भूमिका निभाई।
आज जब यह फ्लाईओवर पूरी तरह तैयार है, तो यह कहा जा सकता है कि यह सिर्फ एक सड़क नहीं बल्कि जबलपुर के विकास, उम्मीद और धैर्य की जीत है।