
जबलपुर। विजय नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत आईएसबीटी बस स्टैंड के पास स्थित शराब दुकान में तीन माह पूर्व हुई पथराव और उपद्रव की घटना ने अब दुखद मोड़ ले लिया है। इस हमले में गंभीर रूप से घायल दुकान मैनेजर दिलीप सिंह सग्गू (42) का शनिवार को उपचार के दौरान निधन हो गया। उनकी मौत के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा जोड़कर विवेचना शुरू कर दी है। इस घटनाक्रम ने रांझी क्षेत्र और सिख समाज में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है।
घटना का विवरण
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, यह घटना 8 जून की रात करीब 9:30 बजे हुई थी। शराब दुकान में 8 से 10 बदमाश पहुंचे और फ्री शराब की मांग करने लगे। जब दुकान कर्मचारियों ने इंकार किया, तो विवाद बढ़ गया और बदमाशों ने दुकान में जमकर पथराव कर दिया। इस दौरान आरोपियों ने शराब की बोतल और पत्थरों से मैनेजर दिलीप सिंह पर हमला कर दिया।
हमले में उनके सिर की नस फट गई थी और वे मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गए। साथी कर्मचारियों ने उन्हें दमोह नाका स्थित निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए नागपुर रेफर कर दिया गया। तब से वे लगातार कोमा में थे और शनिवार को तीन महीने के लंबे उपचार के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
विवाद की जड़ बना ‘अवैध अहाता’
जांच के दौरान सामने आया कि दुकान के पास अवैध अहाता (शराब पीने की जगह) संचालित होता था। इसी जगह से आए दिन विवाद और झगड़े की स्थिति बनती थी। घटना के दिन भी अहाता संचालक और उसके साथियों ने हमला किया था। स्थानीय लोगों ने बार-बार शिकायतों के बावजूद इस अवैध अहाते पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई है।
पुलिस की कार्रवाई
थाना प्रभारी विजयनगर वीरेंद्र सिंह पवार ने बताया कि घटना के बाद मौके पर लगे सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान की गई थी। अब तक मुख्य आरोपी मदन जायसवाल, सत्यम पंडित और पीयूष चड़ार को गिरफ्तार किया जा चुका है। शेष आरोपियों की तलाश जारी है। मैनेजर की मौत के बाद अब आरोपियों पर धारा 302 (हत्या) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
समाज और समिति में आक्रोश
मृतक दिलीप सिंह न केवल शराब दुकान के मैनेजर थे, बल्कि वे मन्नत वाली महाकाली समिति के कोषाध्यक्ष भी थे। उनकी मौत की खबर फैलते ही समिति के सदस्यों और सिख समाज में शोक और आक्रोश का माहौल बन गया। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से आरोपियों पर सख्त कार्रवाई और विवाद की जड़ बने अवैध अहाते को तत्काल बंद कराने की मांग की है।