केरल में खतरनाक ‘ब्रेन ईटिंग अमीबा’ का क़हर: जानें लक्षण, बचाव और ज़रूरी सावधानियां

नई दिल्ली। केरल में ब्रेन ईटिंग अमीबा (Naegleria fowleri) के बढ़ते मामलों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। अब तक राज्य में 67 लोग संक्रमित हो चुके हैं और करीब 19 की मौत हो चुकी है। यह संक्रमण बेहद दुर्लभ है, लेकिन एक बार लगने पर जानलेवा साबित हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सावधानी बरती जाए तो इस घातक अमीबा से बचाव पूरी तरह संभव है।
क्या है ब्रेन ईटिंग अमीबा Brain eating amoeba?
- वैज्ञानिक नाम: नाइग्लेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri)
- यह कोई बैक्टीरिया नहीं, बल्कि एक सूक्ष्म अमीबा (एककोशिकीय जीव) है।
- यह गुनगुने या गर्म, स्थिर पानी में पनपता है—जैसे तालाब, झीलें, स्विमिंग पूल (बिना क्लोरीन वाला), या घर की पानी की टंकियां।
- नाक के जरिए शरीर में जाकर यह सीधा दिमाग तक पहुंचता है और दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट करता है।
संक्रमण कैसे फैलता है?
- दूषित पानी नाक के जरिए शरीर में जाने पर यह अमीबा दिमाग तक पहुंचता है।
- स्विमिंग, डाइविंग, तालाब या झील में नहाने, या नेजल क्लीनिंग के दौरान इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है।
- सिर्फ पानी पीने से संक्रमण नहीं होता। पेट का एसिड इस अमीबा को खत्म कर देता है।
लक्षण जल्दी पहचानें
ब्रेन ईटिंग अमीबा का संक्रमण बेहद तेजी से फैलता है। शुरुआती लक्षण 1 से 9 दिन में दिख सकते हैं—
- अचानक तेज सिरदर्द
- बुखार और ठंड लगना
- जी मिचलाना, उल्टी
- गर्दन में अकड़न
- रोशनी से चुभन, मानसिक भ्रम
- बाद में दौरे (seizures) और बेहोशी
लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि इलाज में देर जानलेवा हो सकती है।
बचाव के उपाय
👉 नाक में दूषित पानी जाने से बचें।
- तालाब, झील या बिना क्लोरीन वाले स्विमिंग पूल में नहाते समय नाक को बंद रखें या नेजल क्लिप पहनें।
- घर की पानी की टंकियों की नियमित सफाई करें।
👉 पीने का पानी सुरक्षित बनाएं।
- हमेशा फिल्टर किया हुआ या उबला और ठंडा किया पानी पिएं।
- नेजल क्लीनिंग (जैसे नेति पॉट) के लिए केवल डिस्टिल्ड या उबला और ठंडा किया पानी ही इस्तेमाल करें।
👉 बच्चों को सावधान करें।
- छोटे बच्चों को तालाब, झील या गंदे पानी में खेलने से रोकें।
गर्मी में बढ़ता खतरा
जब तापमान 30°C से ऊपर हो और पानी लंबे समय तक स्थिर रहे, तो यह अमीबा तेजी से बढ़ता है। इसलिए गर्मियों और बरसात के बाद तालाब, झील, या बिना साफ किए टैंकों में नहाना ज्यादा खतरनाक होता है।
नतीजा
ब्रेन ईटिंग अमीबा का संक्रमण दुर्लभ है, लेकिन एक बार होने पर मृत्यु दर बहुत ऊंची है। साफ पानी, समय-समय पर टंकी की सफाई, सुरक्षित नेजल क्लीनिंग और स्विमिंग के दौरान सावधानी से आप और आपका परिवार इस खतरनाक संक्रमण से बच सकते हैं।
याद रखें:
सावधानी ही बचाव है। लक्षण दिखते ही डॉक्टर से तुरंत सलाह लें—क्योंकि शुरुआती इलाज ही जीवन बचा सकता है।