
संस्कारधानी जबलपुर में शारदेय नवरात्र की रौनक पर कल रात हुई झमाझम बारिश भी भारी नहीं पड़ी। देर रात तक शहर में चारों ओरआस्था और उत्साह का माहौल दिखाई दिया। गिरते पानी में भी श्रद्धालु दर्शन के लिए डटे रहे।
मौसम विभाग के अनुसार, शहर में 66.6 मिलीमीटर (करीब डेढ़ इंच) वर्षा दर्ज हुई। पहली पारी की बारिश रात 10 बजे शुरू हुई, जिसने रांझी, वीकल और अधारताल क्षेत्र को जमकर भिगोया। दूसरी पारी की चौतरफा मूसलधार रात 12 बजे गिरी, जिससे मुख्य शहर की गलियां और चौक-चौराहे भी पानी से सराबोर हो गए।
भक्ति गीतों और नृत्य से बढ़ा उत्साह
बारिश के बीच भी श्रद्धालुओं का हौसला बनाए रखने में समितियों ने अहम भूमिका निभाई। भंडारा समिति और दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारियों ने बारिश की परवाह किए बिना भक्ति गीतों पर नृत्य कर भक्तों में जोश भर दिया। श्रद्धालु भीगते हुए भी मां दुर्गा की आराधना और झांकियों के दर्शन में मग्न दिखाई दिए। समिति सदस्यों की भक्ति और उमंग ने रात को अविस्मरणीय बना दिया।
ओवरब्रिज बना सहारा
इस बार नवनिर्मित ओवरब्रिज श्रद्धालुओं के लिए बरसात में वरदान साबित हुआ। जैसे ही मूसलधार बारिश शुरू हुई, वैसे ही सड़कों पर उमड़ा हुजूम ओवरब्रिज के नीचे शरण लेकर बैठ गया। जैसे ही पानी थमा, श्रद्धालु फिर झांकियों और पूजा पंडालों की ओर निकल पड़े। मदनमहल से लेकर दमोह नाका तक यही दृश्य देखने को मिला।
बारिश थमी तो उमड़ा जनसैलाब
रात 12 बजे की बारिश ने थोड़ी देर के लिए श्रद्धालुओं की रफ्तार को धीमा जरूर किया, लेकिन जैसे ही पानी थमा, शहर की सड़कों पर फिर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। माता के दरबारों में ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों की गूंज देर रात तक जारी रही।