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300 सालों से चल रहा रूहानी सफ़र: ग्यारहवीं शरीफ के मौके पर मदन महल दरगाह में मेला कल

जबलपुर। “..अहले जबलपुर पर हज़रत गौसे आज़म दस्तगीर रहमतुल्लाह अलैह की तालीमात और रूहानी फैज़ान तीन सौ बरस से लगातार बरस रहा है। गढ़ा के मुजावर ख़ानदान ने इस सिलसिले को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाते हुए गौस पाक रहमतुल्लाह अलैह का पैग़ाम शहर के कोने-कोने तक पहुँचाया है। इसी रूहानी सिलसिले को जारी रखते हुये शनिवार को मदन महल दरगाह शरीफ़ में ग्यारहवीं शरीफ़ का उर्स और मेला अकीदत व शान के साथ मुनक्किद किया जाएगा”।

 यह बात मदन दरगाह शरीफ़ के मुतवल्ली हजरत सैयद क़ादिर अली क़ादरी साहब ने बाज मीडिया से कही।

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जनाब कादरी साहब ने बताया बाज़ मीडिया से गुफ़्तगू करते हुए बताया कि तक़रीबन 300 साल क़ब्ल गढ़ा के मुजावर ख़ानदान के बुज़ुर्ग बग़दाद शरीफ़ तशरीफ़ ले गए थे। वहीं से उन्होंने हज़रत गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह के तबर्रुकात हासिल किए और उन्हें मदन महल क़िला के क़रीब अहले ईमान की ज़ियारत के लिए रखा गया। तभी से जबलपुर में ग्यारहवीं शरीफ़ का सिलसिला शुरू हुआ और आज भी यह सिलसिला रूहानी फैज़ान के साथ जारी है।

उन्होंने बताया आज के कार्यक्रम की शुरुआत नमाज़-ए-फ़ज्र के बाद कुरानख़्वानी, नातख़्वानी और मनक़बत पाक से होगी। नमाज़-ए-जुहर के बाद चादरपोशी, नज़र-नियाज़ और लंगर तक़सीम होगा। शाम को नमाज़-ए-मग़रिब के बाद सालातो-सलाम और महफ़िल-ए-समाअ का एहतमाम किया जाएगा। दरगाह शरीफ़ में हर तबक़े के लोग अपनी अकीदत पेश करने आएँगे और गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह की तालीमात से रूहानी सुकून हासिल करेंगे।

सुबह से शुरू होंगी रूहानी महफ़िलें

उर्स मुबारक की शुरुआत नमाज़-ए-फ़ज्र के बाद कुरानख़्वानी से होगी। इसके बाद नातख़्वानी और मनक़बत-ए-पाक पेश की जाएगी। अकीदतमंद हज़रत गौसे आज़म के मक़ाम और उनकी तालीमात को याद करते हुए बारगाह-ए-इलाही में दुआ करेंगे।

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चादरपोशी और लंगर का इंतज़ाम

नमाज़-ए-जुहर के बाद चादरपोशी की रस्म अदा की जाएगी। बड़ी संख्या में अकीदतमंद दरगाह शरीफ़ पहुँचकर फूलों और चादरों से हाज़िरी देंगे। इसके बाद नज़र-नियाज़ और तबर्रुकात तक्सीम होंगे। दरगाह की तहरीक के तहत लंगर का भी इंतज़ाम किया गया है, जिसमें सभी जाति और मज़हब के लोग शामिल होकर तबर्रुक हासिल करेंगे।

सालातो सलाम और समापन

नमाज़-ए-मग़रिब के बाद दरगाह शरीफ़ में सालातो-सलाम पेश किया जाएगा और महफ़िल-ए-समापन होगी। इस दौरान हज़रत गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह की करामात और उनकी तालीमात पर तक़रीरें होंगी।

अकीदतमंदों की बड़ी संख्या में आमद

हर साल की तरह इस बार भी ग्यारहवीं शरीफ़ के उर्स मेले में बड़ी संख्या में अकीदतमंदों की आमद होने की संभावना है। शहर और आसपास के इलाक़ों से लोग दरगाह शरीफ़ पहुँचकर बारगाह-ए-गौसे पाक में हाज़िरी देंगे और दुआएँ करेंगे।


 हजरत सूफ़ी बाबा कादरी का उर्स

इसी कड़ी में गत दिवस जुमेरात को कादरी खानदान के मशहूर बुजुर्ग हजरत सूफी बाबा कादरी अलैहिर्रहमा का उर्स अकीदत और शान से मनाया गया। उनके खलीफा व सज्जादानशीन इनायत अली कादरी की सरपरस्ती में नमाज जुहर के बाद नाते पाक और मनकबत पाक पेश की गई। इसके उपरांत नमाज असर के बाद सूफी बाबा की मजार शरीफ पर चादरपोशी व गुलपोशी की रस्म अदा की गई। इसके साथ ही नजर-नियाज, सलातो सलाम पेश किया गया तथा लंगर तकसीम किया गया।

इस मौके पर सज्जादानशीन सूफी मुबारक कादरी, निज़ाम कादरी, आबिद कादरी, बासित कादरी, जवाहर कादरी, इदरीस कादरी, अब्बू बाबा कादरी, असगर कादरी, अफजल कादरी (भूरा), रोशन कादरी, शराफत कादरी और आशु कादरी, सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।

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बाज़ मीडिया जबलपुर डेस्क 'जबलपुर बाज़' आपको जबलपुर से जुडी हर ज़रूरी खबर पहुँचाने के लिए समर्पित है.
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