
जबलपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर चयनित उम्मीदवार से रिश्वत लेने के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। जुन्नारदेव महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय में परियोजना अधिकारी और उनकी महिला साथियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 20 हजार रुपये की रकम बरामद की है।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले ने बताया कि यह मामला छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय का है। आवेदिका पूजा उइके ने लोकायुक्त को शिकायत दी थी कि चयनित होने और जॉइनिंग लेटर मिलने के बाद अधिकारी और सुपरवाइजर ने उसे पदभार संभालने के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।
पहली किस्त लेते हुए पकड़ी गई सुपरवाइजर
शिकायत की जांच के बाद लोकायुक्त दल ने ट्रैप की योजना बनाई। सोमवार को सुपरवाइजर आरती आम्रवंशी को पहली किस्त के रूप में 20 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
आरोपियों पर गंभीर आरोप
जांच में सामने आया कि परियोजना अधिकारी सीमा पटेल और सुपरवाइजर आरती आम्रवंशी, लक्ष्मी पंडोले, बिंदु माहौर ने मिलकर आवेदिका से कुल 50 हजार रुपये की मांग की थी। लोकायुक्त पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7, 13(1)(B), 13(2) और 12 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
आरोपियों की सूची
- सीमा पटेल – परियोजना अधिकारी, कार्यालय महिला एवं बाल विकास परियोजना, जुन्नारदेव, जिला छिंदवाड़ा
- आरती आम्रवंशी – महिला सुपरवाइजर, कार्यालय परियोजना अधिकारी, जुन्नारदेव, जिला छिंदवाड़ा
- लक्ष्मी पंडोले – महिला सुपरवाइजर, उम्र 43 वर्ष, कार्यालय परियोजना अधिकारी, जुन्नारदेव, जिला छिंदवाड़ा
- बिंदु माहौर – महिला सुपरवाइजर, उम्र 52 वर्ष, कार्यालय परियोजना अधिकारी, जुन्नारदेव, जिला छिंदवाड़ा
लोकायुक्त टीम की भूमिका
इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली लोकायुक्त टीम में निरीक्षक उमा कुशवाहा (दल प्रभारी), निरीक्षक शशि मुस्कुले और निरीक्षक जितेंद्र यादव शामिल थे।
लोकायुक्त अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई साफ-साफ संदेश है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और विभाग में ईमानदार कार्यप्रणाली को सुनिश्चित किया जाएगा।