जबलपुर में रातोंरात उजड़ गया कारोबार – शॉर्ट सर्किट से लगी आग ने निगला 9 स्टोर

जबलपुर, 11 अक्टूबर — शहर के व्यस्त गलगला क्षेत्र में शनिवार तड़के करीब 4 बजे भीषण आग लगने से बाजार में अफरा-तफरी मच गई। आग ने देखते ही देखते 9 दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार इस हादसे में 1 से 1.5 करोड़ रुपये तक के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। राहत की बात यह रही कि घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन हादसे की भयावहता ने पूरे क्षेत्र के व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों को गहरी चिंता में डाल दिया है।
पटाखों के स्टॉक से फैली दहशत
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर एक पटाखों का अस्थायी स्टॉक भी रखा गया था, जिससे लोगों में अतिरिक्त भय का माहौल बन गया। हालांकि, समय रहते आग को काबू में ले लिया गया और बड़ा हादसा टल गया।

दमकल की तत्परता से टला बड़ा संकट
आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। चूंकि यह हादसा तड़के हुआ, इसलिए दमकल वाहनों को आवाजाही में कोई परेशानी नहीं आई। फायर ब्रिगेड के सहायक अधीक्षक राजेंद्र पटेल ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए करीब 25 से 30 ट्रिप पानी का उपयोग करना पड़ा।
“दुकानों में प्लास्टिक, क्रॉकरी और सजावटी सामग्री बड़ी मात्रा में मौजूद थी, जिससे आग बेहद तेजी से फैली,” — राजेंद्र पटेल, सहायक फायर अधीक्षक
सुबह 11 बजे तक भी दो दमकल गाड़ियाँ मौके पर मौजूद रहीं और कूलिंग ऑपरेशन जारी रहा। प्लास्टिक और अन्य सामग्रियों के जलने के कारण देर तक धुआं निकलता रहा, जिससे राहत कार्यों में कठिनाई हुई।

दीवाली का स्टॉक जलकर राख, व्यापारियों में हड़कंप
आग में जिन दुकानों का नुकसान हुआ, उनमें से कई में दीपावली के लिए ताजा स्टॉक मंगवाया गया था। दुकानदार हितेश टेहलानी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में बड़ी मात्रा में सजावटी सामान और जनरल आइटम्स का स्टॉक मंगवाया था, लेकिन हादसे में सब कुछ जलकर खाक हो गया।
“अगर समय रहते प्रभावी कार्रवाई होती और दमकल विभाग के पास पर्याप्त संसाधन होते, तो नुकसान को काफी हद तक टाला जा सकता था,” — हितेश टेहलानी, दुकानदार
हितेश टेहलानी ने फायर ब्रिगेड की कार्यप्रणाली और संसाधनों की कमी पर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि दमकल कर्मियों को जेसीबी मशीन की मदद से दुकान के शटर तोड़कर अंदर घुसना पड़ा।
अन्य दुकानों और मकानों पर भी मंडराया खतरा
आग की भयावहता को देखते हुए आसपास के दुकानदार भी मौके पर पहुंच गए और अपनी दुकानों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। यदि आग पर समय रहते काबू नहीं पाया जाता, तो यह आस-पास के आवासीय इलाकों और अन्य दुकानों तक भी फैल सकती थी।
एक स्थानीय व्यापारी ने कहा,
“अगर यह हादसा दिन में होता, जब बाजार में भीड़ रहती, तो स्थिति और ज्यादा भयावह हो सकती थी।”
शॉर्ट सर्किट की आशंका, जांच जारी
कोतवाली सीएसपी रितेश कुमार शिव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है, लेकिन फायर ब्रिगेड और पुलिस की संयुक्त टीम इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।
स्थानीय फायर सब-स्टेशन की मांग तेज
इस हादसे के बाद एक बार फिर गलगला-मुकादमगंज रोड और ओमती क्षेत्र के व्यापारियों ने स्थानीय फायर सब-स्टेशन की मांग को दोहराया है। व्यापारियों का कहना है कि ऐसे व्यस्त इलाकों में दमकल वाहन अक्सर समय पर नहीं पहुंच पाते, जिससे नुकसान बढ़ जाता है। यदि नजदीक ही एक फायर सब-स्टेशन हो, तो त्वरित और प्रभावी कार्रवाई संभव हो सकेगी।
विशेषज्ञों की सलाह: नियमित ऑडिट जरूरी
आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों का मानना है कि खासकर त्योहारों के मौसम में, जब दुकानों में स्टॉक अधिक होता है, फायर सेफ्टी ऑडिट और इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस जैसे उपाय अनिवार्य कर देने चाहिए।