
रजा चौक डिवीज़न, जबलपुर। शनिवार दोपहर ठक्करग्राम वार्ड अंतर्गत हड्डी गोदाम इलाके में उस वक्त तनाव फैल गया जब करीब 12:30 बजे नगर निगम का बुलडोजर तीन अवैध दुकानों को ध्वस्त करने पहुंचा।
कार्रवाई की खबर फैलते ही दुकानदारों और स्थानीय लोगों की भीड़ मौके पर जुट गई। प्रशासन और क्षेत्रीय जनों के बीच लगभग 5 घंटे तक हाई वोल्टेज हंगामा चलता रहा। आख़िरकार शाम करीब 5 बजे जनप्रतिनिधियों की मांग पर निगम ने 24 घंटे की मोहलत दी, ताकि आपसी सहमति से समाधान निकल सके।
2022 से चल रहा विवाद, मैदान की बाउंड्री बनी विवाद की जड़

मामले की जड़ 2022 में उस समय पड़ी जब हड्डी गोदाम मैदान को अतिक्रमण मुक्त कर वक़्फ़ मंडी जामा मस्जिद के सुपुर्द किया गया।
इसके बाद मैदान की चारों ओर बाउंड्री वॉल बनाई गई, जिससे पीछे के इलाक़े के लोगों का मुख्य रास्ता बाधित हो गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बाउंड्री वॉल के साथ बनी दुकानें उनकी आवाजाही में बड़ी अड़चन बन गईं, जो अवैध रूप से निर्मित थीं।
इसी को लेकर सीएम हेल्पलाइन और नगर निगम में कई शिकायतें दर्ज की गईं।
डेढ़ साल चली जांच, अवैध पाए गए निर्माण
निगम द्वारा की गई जांच में संबंधित दुकानों को अवैध पाया गया।
दुकानदारों को दस्तावेज़ प्रस्तुत करने और पक्ष रखने का अवसर दिया गया, लेकिन प्रस्तुत दस्तावेज़ पर्याप्त नहीं पाए गए।
इस पर निगम ने कार्रवाई का निर्णय लिया और शनिवार को टीम बुलडोजर लेकर पहुंची।
पार्षदों ने संभाला मोर्चा, कार्रवाई टली 24 घंटे के लिए
जैसे ही निगम टीम मौके पर पहुंची, एक दुकानदार ने पार्षद अख्तर अंसारी को बुलाया।
उनके अनुरोध पर कार्रवाई कुछ देर रुकी, लेकिन अधिकारी कार्रवाई पर अड़े रहे।
इस बीच पार्षद वकील अंसारी और पार्षद याकूब अंसारी भी मौके पर पहुंच गए।
तीनों जनप्रतिनिधियों ने मिलकर बातचीत के ज़रिए हल निकालने की बात रखी।
प्रशासन ने उनकी बात मानते हुए दोनों पक्षों को 24 घंटे का समय दिया।

जनप्रतिनिधियों की अपील – ‘किसी की रोज़ी-रोटी न छीने, रास्ता भी न रुके’
तीनों पार्षदों ने कहा कि शिकायतकर्ता और दुकानदार दोनों अपने ही क्षेत्र के हैं, इसलिए ऐसा समाधान निकाला जाए जिससे किसी की आजीविका पर असर न पड़े और लोगों की आवाजाही भी बनी रहे।
लोगों ने इस सुझाव पर सहमति जताई, जिसके बाद निगम टीम बिना कार्रवाई लौट गई।
क्षेत्रीय पार्षद की अनुपस्थिति पर उठे सवाल
पूरे घटनाक्रम के दौरान सबसे अधिक चर्चा ठक्करग्राम वार्ड के क्षेत्रीय पार्षद की गैरमौजूदगी को लेकर रही।
बताया जा रहा है कि कार्रवाई जिन दुकानों पर होनी थी, उनमें से एक दुकान पार्षद के करीबी कार्यकर्ता की थी, फिर भी वे पूरे घटनाक्रम से नदारद रहे।
स्थानीय लोगों ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि जहाँ क्षेत्रीय पार्षद को सामने होना चाहिए था, वहाँ दूसरे वार्डों के पार्षदों ने मोर्चा संभाला।
तनाव के बीच शांति, समाधान की उम्मीद
बुलडोजर की आमद के साथ ही इलाके में तनाव का माहौल बन गया था, लेकिन जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की सूझबूझ से स्थिति नियंत्रण में रही।
अब सबकी नज़रें इस बात पर टिकी हैं कि 24 घंटे की दी गई मोहलत के बाद मामला किस दिशा में बढ़ता है।