जबलपुर के यश घनघोरिया बने मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, 3.13 लाख वोटों से दर्ज की ऐतिहासिक जीत

जबलपुर। विधायक लखन घनघोरिया के सुपुत्र यश घनघोरिया ने युवा राजनीति में धमाकेदार एंट्री करते हुए मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। यश ने 3 लाख 13 हजार से अधिक वोट हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों को बड़े अंतर से पराजित किया।
भोपाल के अभिषेक सिंह को 2 लाख 38 हजार वोट मिले, जिससे वे दूसरे स्थान पर रहे। इस बार का चुनाव युवाओं के बीच खासा चर्चित रहा, क्योंकि पहली बार बड़े स्तर पर ऑनलाइन सदस्यता और मतदान की प्रक्रिया अपनाई गई।

सक्षम, ऋषभ बने प्रदेश महासचिव, अदनान–राहुल सहित अन्य सचिव
जबलपुर से सक्षम गुलाटी और ऋषभ मिश्रा को प्रदेश महासचिव की जिम्मेदारी मिली है। वहीं अदनान अंसारी, राहुल अग्रहरी, सागर शुक्ला और आमिर पहलवान को प्रदेश सचिव चुना गया है।
यश की इस जीत को कांग्रेस की नई पीढ़ी के राजनीतिक उभार के रूप में देखा जा रहा है। अब सियासी गलियारों में निगाहें इस पर हैं कि वे युवा विंग को संगठनात्मक रूप से किस दिशा में मजबूती प्रदान करेंगे।
जबलपुर में जश्न का माहौल, ढोल–नगाड़ों के साथ आतिशबाजी
यश की जीत की खबर बुधवार दोपहर जैसे ही जबलपुर पहुंची और सोशल मीडिया पर वायरल हुई, शहर—खासतौर पर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में—जश्न का माहौल बन गया।
पूर्व विधायक निवास से लेकर कांग्रेस कार्यालय तक ढोल–नगाड़े, फूलमालाएं और आतिशबाजी के साथ समर्थकों ने खुशियां मनाईं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे “युवाओं की उम्मीद और सक्रिय नेतृत्व की जीत” करार दिया।
15 लाख से अधिक युवाओं ने विद्यार्थी बनकर लिखा भागीदारी का इतिहास
युवा कांग्रेस चुनाव की सदस्यता प्रक्रिया 18 अप्रैल को शुरू होकर 20 जून से 19 जुलाई तक चली। मोबाइल ऐप के जरिए सदस्यता कराई गई, जिसमें 50 रुपये शुल्क अनिवार्य था।
- कुल भरे गए फॉर्म: 15,37,527
- यह अभियान युवा कांग्रेस के इतिहास का सबसे बड़ा सदस्यता अभियान माना जा रहा है।

बीजेपी ने साधा निशाना, वंशवाद का लगाया आरोप
नतीजे घोषित होते ही भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने ‘एक्स’ पर लिखा—
“कांग्रेस में पद मेहनत से नहीं, वंश और पट्ठावाद से तय होता है। संगठन चुनाव सिर्फ औपचारिकता है। अंतिम निर्णय बंद कमरे में परिवार करता है। जहां लोकतंत्र नाम का है, वहां परिवारवाद ही विचारधारा है।”
भाजपा ने यश की जीत को पूर्वनिर्धारित परिणाम बताते हुए इसे वंशवाद की जीत बताया।
राजनीतिक भविष्य पर नजरें
इस जीत ने यश घनघोरिया को प्रदेश की युवा राजनीति में प्रमुख चेहरे के रूप में स्थापित कर दिया है। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि वे संगठन में कितना बदलाव और ऊर्जा ला पाते हैं।



