
पटना/हैदराबाद, 14 नवंबर 2025 । बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे शुक्रवार को घोषित हो गए। इन परिणामों में सबसे चर्चित प्रदर्शन रहा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का, जिसने बिहार में दमदार उपस्थिति दर्ज करते हुए पाँच सीटों पर जीत हासिल की।
यहां दिलचस्प है की बिहार चुनाव में कांग्रेस को केवल 6 सीटों मिली हैं, वहीं इन 6 में से चार मुस्लिम बाहुल्य सीटे हैं. आसान भाषा में कांग्रेस को बिहार ने पूरी तरह नकार दिया है.
सीमांचल की राजनीति में पिछले कुछ वर्षों से मजबूत पकड़ बनाने वाली AIMIM ने 243 में से 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 24 सीटें सीमांचल क्षेत्र की थीं। पार्टी ने इस बार न तो किसी गठबंधन का हिस्सा बनी और न ही किसी बड़े मोर्चे में शामिल हुई — फिर भी उसने पाँच सीटों पर बड़ी जीत दर्ज कर राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया। पार्टी बलरामपुर सीट पर भी बेहद करीबी मुकाबले में मात्र 315 वोट से हार गई, जिसने उसकी बढ़ती ताकत को और स्पष्ट कर दिया।
हैदराबाद में ओवैसी की प्रेस कॉन्फ्रेंस — जनता और कार्यकर्ताओं का आभार
नतीजों के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा:
“मैं बिहार की जनता का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने हमारे उम्मीदवारों को समर्थन और वोट देकर विजयी बनाया। मैं AIMIM के सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का भी आभार व्यक्त करता हूं, जिनकी मेहनत से हम पाँच सीटों पर जीत दर्ज कर सके हैं।”
ओवैसी ने सीमांचल की जनता को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि वहाँ के मतदाताओं ने AIMIM पर भरोसा करके एक मजबूत लोकतांत्रिक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी विधायक जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे।
तेलंगाना के जुबली हिल्स उपचुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार नवीन यादव की जीत पर भी जनता को धन्यवाद दिया और कहा कि यह मतदाताओं के समर्थन का स्पष्ट संकेत है।
सीमांचल में AIMIM की पाँच सीटें — निर्णायक बढ़त के साथ जीत
नीचे AIMIM द्वारा जीती गई पाँचों सीटों के आधिकारिक विस्तृत परिणाम—
| क्रम | निर्वाचन क्षेत्र | विजयी उम्मीदवार | कुल मत | जीत का अंतर |
|---|---|---|---|---|
| 1 | जोकीहाट (50) | मोहम्मद मुर्शिद आलम | 83,737 | 28,803 |
| 2 | बहादुरगंज (52) | मो. तौसीफ आलम | 87,315 | 28,726 |
| 3 | कोचाधामन (55) | मो. सरवर आलम | 81,860 | 23,021 |
| 4 | अमौर (56) | अख़तरुल ईमान | 1,00,836 | 38,928 |
| 5 | बायसी (57) | गुलाम सरवर | 92,766 | 27,251 |
सबसे बड़ी जीत अमौर से अख़तरुल ईमान की रही, जिन्होंने लगभग 39 हजार के विशाल अंतर से जीत दर्ज कर AIMIM की बढ़त को और मजबूत किया।
राजनीतिक विश्लेषण — AIMIM की बढ़ती ताकत से बदले समीकरण
विशेषज्ञों के अनुसार, AIMIM का यह प्रदर्शन बिहार की मौजूदा राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ता है—
- मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में पार्टी का प्रभाव निर्णायक रूप से बढ़ा है।
- RJD, JDU और कांग्रेस जैसे पारंपरिक दलों के समीकरणों में बदलाव आ सकता है।
- AIMIM ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़कर पाँच सीटें जीतकर “थर्ड फ्रंट” से आगे बढ़ने की क्षमता दिखाई है।
- बलरामपुर में मिली 315 वोट की हार भी पार्टी की भविष्य की संभावनाओं को मजबूत करती है।
ओवैसी का यह बयान कि “RJD बीजेपी को नहीं रोक सकती” राजनीतिक हलकों में बहस का विषय बना हुआ है और आने वाले दिनों में बिहार की विपक्षी राजनीति में नए मोड़ ला सकता है।
बिहार चुनाव 2025 के नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि AIMIM अब सिर्फ सीमांचल की पार्टी नहीं, बल्कि एक उभरती हुई राजनीतिक शक्ति है। पाँच सीटों की जीत और एक सीट पर मामूली अंतर से मिली हार ने पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भर दिया है।
ओवैसी के बयान और AIMIM की बढ़ती पैठ को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में बिहार की राजनीति में AIMIM और भी बड़ी भूमिका निभा सकती है।



