
जबलपुर। बिहार विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के शानदार प्रदर्शन ने मध्य प्रदेश, खासकर जबलपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं में नया उत्साह भर दिया है। बिहार के सीमांचल क्षेत्र की मुस्लिम बहुल सीटों पर जिस तरह कांग्रेस और राजद के बजाय मतदाताओं ने एमआईएम को प्राथमिकता दी, उससे जबलपुर में कई वर्षों से हाशिये पर पड़ी मजलिस को मजबूत उम्मीदें दिखाई देने लगी हैं।
बिहार नतीजों की घोषणा होते ही जबलपुर मजलिस कार्यालय में जश्न का माहौल छा गया। बीते नगर निगम चुनाव के बाद पहली बार यहां ऐसा उत्साह देखने को मिला। एमआईएम नेता सरफराज खान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने आतिशबाज़ी की, मिठाइयाँ बांटीं और एक-दूसरे को बधाई दी।
इस मौके पर शहजाद अंसारी, अय्यूब चाचा, समीर खान, शादाब, हामिद, अतीक मंसूरी, मतलूब, फरान, तनवीर, इत्तियाज, मुबीन और कलीम अब्बासी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

“मुसलमान कांग्रेस से निराश, मजलिस को दिया भरोसा” — सरफराज खान
मीडिया से बातचीत में एमआईएम के सरफराज खान ने कहा कि बिहार चुनाव परिणाम इस बात का सबूत हैं कि मुसलमान कांग्रेस और उसके सहयोगियों से बेहद निराश हो चुका है।
उन्होंने कहा—
“सीमांचल में मुसलमानों ने कांग्रेस या राजद को नहीं चुना। उन्होंने सेक्यूलर कहे जाने वाली पार्टियों की चालबाज़ियों से तंग आकर मजलिस को तरजीह दी है। जहाँ-जहाँ एमआईएम के उम्मीदवार थे, वहाँ मुसलमानों ने खुलकर हमें समर्थन दिया।”
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस सीमांचल में उम्मीदवार नहीं उतारती, तो बिहार विधानसभा में 15 से अधिक मुस्लिम आवाज़ें गूंजतीं, जिसे कोई नजरअंदाज नहीं कर पाता।
एमआईएम के 5 विधायक जीते, 7 उम्मीदवार बहुत कम अंतर से हारे, और करीब एक दर्जन सीटों पर पार्टी दूसरे स्थान पर रही—इसे सरफराज खान ने बेहद बड़ा राजनीतिक संकेत बताया।
जबलपुर में इस बार मजलिस बनेगी मज़बूत ताकत
नगर निगम चुनाव को लेकर सरफराज खान ने दावा किया कि इस बार एमआईएम जबलपुर में अपनी ताकत दोगुनी करेगी।
उन्होंने कहा—
“पिछले चुनाव में हमने दो वार्ड जीते थे और दो पर मामूली अंतर से हारे थे। आने वाले नगर निगम चुनाव में एमआईएम कम से कम 5 वार्ड जीतेगी। जबलपुर का मुसलमान अब कांग्रेस की जगह मजलिस को चुनेगा और मजबूत लीडरशिप नगर निगम में भेजेगा, जो शहर की आवाज़ बुलंद तरीके से उठाएगी।”
बिहार के नतीजों ने जबलपुर की मजलिस को नई ऊर्जा दी है, और पार्टी अब यहां अपने जनाधार को मजबूत करने के लिए पहले से अधिक सक्रिय होने की तैयारी में है।



