NationalNewsUttar Pradesh
Trending

आज़म खान फिर जेल में ! बाप-बेटे को ‘सात साल’ की सजा। अखिलेश का दर्द छलका—‘जुल्म की हदें पार…’

रामपुर | समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आज़म खान को सोमवार को एक बार फिर जेल जाना पड़ा। यह घटना उनकी सीतापुर जेल से रिहाई के दो महीने भी पूरे होने से पहले सामने आई है। रामपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने 2019 में दर्ज धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को दोषी ठहराते हुए सात साल की सजा सुनाई है।

फैसला सुनाए जाने के बाद 77 वर्षीय आज़म खान को कड़ी सुरक्षा के बीच जिला जेल भेजा गया। अदालत परिसर के बाहर पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई थी। जेल ले जाए जाने के दौरान मीडिया से बातचीत में आज़म खान ने संक्षेप में कहा—
“अब क्या कहना है? यह अदालत का फैसला है। अगर उन्होंने मुझे दोषी माना है, तो उन्होंने सजा दे दी है।”

Advertisement

अब्दुल्ला आज़म ने भी चुप्पी साधी रखी।

इस मामले की सुनवाई विशेष मजिस्ट्रेट शोभित बंसल ने की। उन्होंने दस्तावेज़ी साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर दोनों को दोषी पाया। अभियोजन पक्ष की ओर से राकेश कुमार मौर्य और अधिवक्ता स्वदेश शर्मा ने पैरवी की।

क्या है पूरा मामला?

2019 में भाजपा नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर यह मामला रामपुर के सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुआ था। आरोप था कि अब्दुल्ला आज़म ने दो अलग-अलग जन्मतिथि का उपयोग करते हुए दो पैन कार्ड बनवाए। इनमें से एक पैन कार्ड में 1 जनवरी 1993 जन्मतिथि दर्ज कराई गई थी, जो उनके स्कूल रिकॉर्ड और बैंक विवरण से मेल खाती थी।अदालत के अनुसार, अब्दुल्ला ने अपने पिता आज़म खान से मिली सांठगांठ में जाली पैन कार्ड तैयार कराया और उसे सरकारी रिकॉर्ड में प्रस्तुत किया, जो आपराधिक साजिश की श्रेणी में आता है।

विज्ञापन

अखिलेश यादव का कड़ा बयान

अदालत के फैसले के कुछ ही देर बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने X (पूर्व में ट्विटर) पर आज़म खान और अब्दुल्ला की तस्वीर साझा करते हुए लिखा—

“सत्ता के गुरूर में जो नाइंसाफ़ी और ज़ुल्म की हदें पार कर देते हैं, वो ख़ुद एक दिन क़ुदरत के फ़ैसले की गिरफ़्त में आकर एक बेहद बुरे अंत की ओर जाते हैं। सब, सब देख रहे हैं।”

अखिलेश ने इस टिप्पणी के जरिए भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए फैसले को “राजनीतिक अत्याचार” की पृष्ठभूमि से जोड़ने का संकेत दिया।

आज़म खान के खिलाफ कुल 84 मामले दर्ज हैं, जिनमें जमीन कब्जा, जालसाजी, धमकी और अन्य आरोप शामिल हैं। उन पर पहले भी कई मामलों में सजा हुई है, कई में बरी भी हुए हैं। यह फैसला रामपुर की राजनीति, सपा के आंतरिक समीकरण और उत्तर प्रदेश की आगामी राजनीतिक परिस्थितियों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

सजा के बाद रामपुर और लखनऊ की राजनीतिक नब्ज तेज हो गई है। सपा खेमे में इस फैसले के बाद चिंता गहराई है, वहीं भाजपा इसे कानून के राज की जीत बता रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला रामपुर की आगामी राजनीति और सपा के संगठनात्मक समीकरणों पर गहरा असर डाल सकता है।

Jabalpur Baz

बाज़ मीडिया जबलपुर डेस्क 'जबलपुर बाज़' आपको जबलपुर से जुडी हर ज़रूरी खबर पहुँचाने के लिए समर्पित है.
Back to top button

You cannot copy content of this page