
सुबह धुंध, दिन में हल्की गर्मी… तापमान में उछाल ने बढ़ाई थोड़ी राहत
जबलपुर। उत्तर भारत से आने वाली बर्फीली हवाओं की रफ्तार धीमी पड़ने के बाद गुरुवार तक जबलपुर समेत पूरे महाकौशल क्षेत्र में सर्दी के तीखे तेवर कुछ कम होते नजर आए। पिछले दस दिनों से रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी, लेकिन अब न्यूनतम तापमान में 2–3 डिग्री का उछाल देखकर शहरवासियों को ठंड से थोड़ी राहत मिली है।
जबलपुर का तापमान: रात में 13.6°C, दिन में 28°C के करीब
मौसम केंद्र जबलपुर के अनुसार, गुरुवार की रात शहर का न्यूनतम तापमान 13.6°C दर्ज किया गया, जो पिछले हफ्ते के मुकाबले करीब 3 डिग्री अधिक है। वहीं अधिकतम तापमान 27.8°C के आसपास रहा, जिससे दोपहर के समय हल्की गर्माहट महसूस हुई।
हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि यह राहत बहुत ज्यादा दिन टिकने वाली नहीं है।
दो दिन बाद फिर बदलेगा मौसम, बढ़ेगी सर्दी
मौसम विभाग का कहना है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ अगले 48–72 घंटों में हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करेगा। इसके बाद उत्तरी राज्यों में ठंड तेज होगी और वही बर्फीली हवाएं 2 दिसंबर से मध्यप्रदेश की ओर भी लौटेंगी।
इसका सीधा असर जबलपुर पर पड़ेगा और अगले सप्ताह न्यूनतम तापमान 10°C के करीब पहुंच सकता है।
सुबह शहर धुंध से ढका
जबलपुर में पिछले तीन दिनों से सुबह 6 से 9 बजे तक घना कोहरा छा रहा है।
- दृश्यता कई इलाकों में 1000 मीटर तक सीमित रही
- बेलबाग, अधारताल, दमोह नाका और रांझी क्षेत्र में लोगों ने हल्के–घने कोहरे का सामना किया
- स्कूल जाने वाले बच्चों और दोपहिया चालकों को खासा दिक्कत हुई
सिवनी, नरसिंहपुर, मंडला और कटनी में भी कोहरा और ठंड के हालात लगभग ऐसे ही रहे।
नवंबर में 15 दिन चली शीतलहर – 94 साल का रिकॉर्ड
इस साल उत्तर भारत में जल्दी बर्फबारी के कारण नवंबर की शुरुवात में जबलपुर में लंबी शीतलहर चली। शहर लगातार 15 दिन शीतलहर की चपेट में रहा, जो 1931 के बाद सबसे लंबा दौर माना जा रहा है।
- कटनी और नौगांव में पारा 10°C से नीचे चला गया
- मंडला, सिवनी और डिंडौरी में कई दिनों तक 7–8°C की ठिठुरन रही
अगले सप्ताह क्या तैयारी रखें?
- रात में ठंड बढ़ेगी, इसलिए बुजुर्ग और बच्चों को विशेष सावधानी रखने की सलाह
- सुबह–शाम बाहर निकलते समय गर्म कपड़ों का उपयोग
- दोपहिया चालकों को धुंध में लो बीम लाइट का उपयोग करने की सलाह
- कोहरे के कारण हाईवे और मुख्य सड़कों पर गति सीमित रखें



