
BAZ NEWS NETWORK। सड़क सुरक्षा को लेकर जबलपुर जिले में चिंताजनक स्थिति एक बार फिर सामने आई है। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित सड़क सुरक्षा व यातायात जागरूकता बैठक में यह तथ्य उजागर किया गया कि जबलपुर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। बैठक में शहर के प्रमुख स्कूल-कॉलेज, कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि, पेट्रोल पंप संचालक और प्रशासनिक अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
जबलपुर में हर साल 4,000 सड़क दुर्घटनाएं — 523 लोगों की मौत
बैठक में प्रस्तुत आँकड़ों ने गंभीर चिंता पैदा कर दी। बताया गया कि—
- जिले में प्रतिवर्ष करीब 4,000 हादसे होते हैं।
- वर्ष 2025 में अब तक 523 लोगों की मौत हुई है।
- इनमें से 246 मौतें सिर में गंभीर चोट लगने के कारण हुईं।
- औसतन हर महीने 25 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं।
अधिकांश हादसों का कारण सीट बेल्ट, हेलमेट और बुनियादी सुरक्षा मानकों का पालन न करना बताया गया।
संस्थानों को कड़ा संदेश: हेलमेट-सीट बेल्ट पर समझौता नहीं
बैठक में अधिकारियों ने स्कूल-कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिया कि—
- विद्यार्थी बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के वाहन न चलाएँ, इसके लिए अभियान चलाएँ।
- अभिभावकों तक भी संदेश पहुँचाएँ।
- छात्रों से वाहनों की फिटनेस संबंधी सहमति पत्र भी भरवाएँ।
कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि कोई छात्र सड़क दुर्घटना में घायल होता है तो संबंधित संस्था को जिम्मेदार माना जाएगा।
पेट्रोल पंपों पर बड़ा निर्देश — बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं
बैठक में पेट्रोल पंप संचालकों को सख्त हिदायतें दी गईं—
- बिना हेलमेट वालों को पेट्रोल न दिया जाए।
- यदि ऐसा पाया गया कि पेट्रोल पंप नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो उनके पंप सील कर दिए जाएंगे।
स्कूल वाहनों की जांच 15 दिनों में पूरी करें
कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि—
- 15 दिनों के भीतर सभी स्कूल वाहनों और ड्राइवरों की फिटनेस रिपोर्ट तैयार करें।
- नियमों का पालन न करने वाले निजी विद्यालयों की मान्यता तक रद्द की जा सकती है।
पुलिस अधीक्षक का संदेश — आदत बदलने की जरूरत
पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने कहा—
“सीट बेल्ट और हेलमेट को आदत बनाना जरूरी है। यह छोटी सावधानी कई जिंदगियाँ बचा सकती है।”
उन्होंने ई-रिक्शा, गैस किट लगे वाहनों और शहर के ब्लैक स्पॉट्स पर विशेष नियंत्रण के निर्देश भी दिए।
बैठक में यह स्पष्ट हो गया कि जबलपुर सड़क सुरक्षा के मामले में गंभीर मोड़ पर खड़ा है। प्रशासन, पुलिस, स्कूल-कॉलेज, कोचिंग संस्थान और पेट्रोल पंप—सबको मिलकर सख्ती से कदम उठाने होंगे, अन्यथा बढ़ती सड़क दुर्घटनाएँ शहर के लिए बड़ी चुनौती बनती रहेंगी।



