
“हज़ारों लोगों की जान जोखिम में, प्रशासन खामोश क्यों?”
जबलपुर। शादी-ब्याह के मौसम में शहर के बारातघर और मैरिज लॉन इन दिनों खतरे के कुएँ पर खड़े नज़र आते हैं। निकाह, विवाह, वलीमा और रिसेप्शन जैसे आयोजनों में एक साथ सैकड़ों से लेकर हज़ारों लोग मौजूद होते हैं, लेकिन सुरक्षा इंतज़ामों के नाम पर हालात डराने वाले हैं। यह बात कांग्रेस नेता सैयद ताहिर अली ने कही
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैय्यद ताहिर अली ने जिला प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि तुरंत सख़्त कार्रवाई नहीं हुई, तो जबलपुर किसी बड़े और दर्दनाक हादसे का गवाह बन सकता है।
“हज़ारों लोग एक जगह—एक चिंगारी और सब खत्म”
ताहिर अली ने दर्द और चिंता के साथ कहा—
“इन कार्यक्रमों में एक-एक समय में हज़ार लोग मौजूद रहते हैं। अगर आग या शॉर्ट सर्किट जैसा हादसा हो जाए तो कितनी जानें जा सकती हैं… यह सोचकर ही मेरी रूह काँप जाती है।”

उन्होंने बताया कि हालात इतने ख़तरनाक हो चुके हैं कि कई बारातघरों में:
- फायर सेफ़्टी के बुनियादी साधन तक मौजूद नहीं
- लाइटिंग और सजावट में सुरक्षा मानकों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं
- महीनों से बिना मेंटेनेंस के वही पुरानी लाइटें और वायरिंग चल रही हैं
- खुले आसमान के नीचे लगी टेंट व्यवस्था तेज़ हवा या चिंगारी में पलभर में सुलग सकती है
उन्होंने आरोप लगाया कि बारातघर संचालक लाखों रुपये कमाकर अमीर हो रहे हैं जबकि आम नागरिकों को मौत के मुँह में धकेला जा रहा है।
नगर निगम और पुलिस प्रशासन की ‘चौंकाने वाली’ खामोशी
सैय्यद ताहिर अली ने खुलकर कहा कि
“सबसे ज़्यादा भ्रष्ट और लापरवाह रवैया नगर निगम और पुलिस प्रशासन का है। रिपोर्ट्स आने के बाद भी कोई निरीक्षण नहीं… कोई नोटिस नहीं… कोई कार्रवाई नहीं। जिला प्रशासन की उदासीनता भी हैरान करती है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि शहर में हर छोटे आयोजन पर अनुमति, निरीक्षण और दस्तावेज़ों की मांग की जाती है—
लेकिन बारातघर, जहाँ रोज़ हजारों लोग इकट्ठा होते हैं, वहाँ प्रशासन की नज़र क्यों नहीं जाती?
कलेक्टर से अपील — “अभी कदम उठाएँ, नहीं तो देर हो जाएगी”
आख़िर में सैय्यद ताहिर अली ने जिला कलेक्टर से गुहार लगाते हुए कहा—
“माननीय कलेक्टर साहब, मेरी आपसे हाथ जोड़कर अपील है।
इस दिशा में तुरंत कार्रवाई करें।
अगर अभी ध्यान नहीं दिया गया, तो जबलपुर किसी ऐसे हादसे का गवाह बनेगा जिसकी दर्दनाक मिसाल दशकों तक पूरे देश में दी जाएगी।”



