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(जबलपुर) न भड़काऊ नारे, न विवादित भाषण: शहर ने देखा ‘प्रशासनिक तैयारी’ का नया उदाहरण । 15 KM लंबी शौर्य यात्रा अमन – शांति के साथ संपन्न

जबलपुर। बजरंग दल द्वारा आयोजित शौर्य यात्रा शनिवार को जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की सूझबूझ, अनुशासनात्मक व्यवस्था और सतत निगरानी के चलते शांति, संयम और मर्यादा के साथ संपन्न हुई। शौर्य यात्रा करीब 15 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में घूमी और शहर के कई संवेदनशील व मुस्लिम बहुल्य इलाकों—गोहलपुर, मंसूराबाद, रद्दी चौकी, मदार टेकरी सहित बड़े हिस्से से होकर गुजरी, लेकिन कहीं भी किसी प्रकार की अव्यवस्था या तनाव की स्थिति निर्मित नहीं हुई। यह सब जिला प्रशासन द्वारा तय की गई स्पष्ट शर्तों और पुलिस प्रशासन की सख्त निगरानी का ही परिणाम रहा।

यह भी बताया जा रहा है की यात्रा में न तो कोई भड़काऊ नारा लगाया गया, न ही किसी प्रकार के उत्तेजक भाषण की शिकायत किसी ने की। इसके साथ ही प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए डीजे पर कोई आपत्तिजनक या भड़काऊ नहीं गीत बजाया गया। यह सब जिला प्रशासन द्वारा तय की गई स्पष्ट शर्तों और पुलिस प्रशासन की सख्त निगरानी का ही परिणाम रहा।

यात्रा दोपहर करीब 1 बजे गोहलपुर से प्रारंभ होकर शाम 5 बजे तक चली। पूरे समय पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद रहा। शहर के 20 थानों के थाना प्रभारी, वरिष्ठ अधिकारी, अतिरिक्त बल, महिला पुलिस और आरएएफ की तैनाती की गई थी। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी रखी गई, जिससे हर गतिविधि पर प्रशासन की पैनी नजर बनी रही।

इसके साथ ही अब मुस्लिम समाज के लिए भी यह उम्मीद जगी है कि अब मुस्लिम समाज के ज़रूरी मुद्दों पर होने वाले विरोध-प्रदर्शनों में उन्हें शांतिपूर्ण ज्ञापन देने के लिए कलेक्ट्रेट तक जाने से नहीं रोका जाएगा। कानून-व्यवस्था का तर्क देकर उनके कार्यक्रमों को सिर्फ़ मुस्लिम इलाक़ों के मैदानों तक सीमित नहीं किया जाएगा।

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संवेदनशील इलाकों में प्रशासन ने अतिरिक्त सतर्कता बरती। यात्रा जैसे-जैसे मुस्लिम बहुल्य क्षेत्रों से गुजरी, वैसे-वैसे पुलिस अधिकारियों ने मौके पर मौजूद रहकर स्थिति को नियंत्रित और सामान्य बनाए रखा। प्रशासन की मौजूदगी और स्पष्ट निर्देशों के चलते कहीं भी अफवाह, उत्तेजना या टकराव की नौबत नहीं आई।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि आयोजकों को हाईकोर्ट से मिली सशर्त अनुमति के बाद यात्रा को लेकर पूरी रणनीति पहले से तैयार की गई थी। रूट, समय-सीमा, ध्वनि स्तर और अनुशासन से जुड़े सभी निर्देशों का सख्ती से पालन कराया गया। आयोजकों और प्रशासन के बीच निरंतर समन्वय बना रहा, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सका।

शहरवासियों ने भी इस बात को सराहा कि इतने बड़े क्षेत्र और संवेदनशील इलाकों से गुजरने के बावजूद शौर्य यात्रा बिना किसी विवाद, तनाव या अप्रिय घटना के पूरी हुई। यह जिला और पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता, पेशेवर कार्यप्रणाली और कानून-व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता का स्पष्ट उदाहरण माना जा रहा है।

कुल मिलाकर, अति संवेदनशील समझा जा रहा यह आयोजन प्रशासनिक कुशलता और अनुशासन का ऐसा उदाहरण बना, जिसने यह साबित कर दिया कि सख्त निगरानी, स्पष्ट नियम और बेहतर समन्वय से बड़े आयोजनों को भी पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया जा सकता है।

एक नज़र में : …

  • पिछले वर्ष का विवाद:
    • विहिप और बजरंग दल ने दमोह नाका से शौर्य यात्रा निकालने का प्रयास किया।
    • जिला प्रशासन से अनुमति न होने के कारण पुलिस ने यात्रा को रोका।
    • हंगामा के बाद यात्रा का रूट बदलना पड़ा।
    • संगठन गोहलपुर से मछली मार्केट होते हुए आगे बढ़ना चाहते थे, जिससे विवाद हुआ।
  • इस वर्ष की तैयारी और हाईकोर्ट अनुमति:
    • 4 दिसंबर 2025 को यात्रा निकालने का निर्णय लिया गया।
    • जिला प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी।
    • 11 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।
    • 18 दिसंबर को सुनवाई हुई और फैसला सुरक्षित रखा गया।
    • 22 दिसंबर को शर्तों के साथ यात्रा निकालने की अनुमति मिली।
  • यात्रा का आयोजन …
    • कोर्ट के निर्देशों के अनुसार जिला प्रशासन ने रूट और समय सीमा तय की गई।
    • यात्रा पूरी तरह शांतिपूर्ण संपन्न हुई।
    • किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई।

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