जिंदों को मरा दिखाने के फर्जीवाड़े में हो सकते हैं चौंकाने वाले खुलासे
जबलपुर। बीते दिनों मुस्लिम समाज में जिंदों को मरा दिखाकर उनके नाम पर पैसे हड़पने के स्कैम का खुलासा पुलिस अधीक्षक ने किया था। जिसमें आगे की जांच जारी है।
अब इस मामले में कांग्रेस पार्षद वकील अंसारी, पार्षद अख्तर अंसारी, पार्षद कलीम खान, पार्षद शगुफ्ता उस्मानी, पार्षद अमरीष मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। इन पार्षदों का आरोप है कि कि यह फर्जीवाड़ा नगर निगम के अंदर बैठे कुछ अधिकारियों कर्मचारियों के सहयोग और संरक्षण के बिना हो ही नहीं सकता।
पार्षदों ने दो टूक कहा है कि आवेदन की जांच से लेकर पैसा पास करने तक सब कुछ इन्हीं अधिकारियों कर्मचारियों को करना होता है। जो तीन लड़के गिरफ्तार हुये हैं, वह इस खेल के मोहरे मात्र हैं। पूरे खेल के असल मास्टर माइंड नगर निगम की लाल बिल्डिंग के अंदर बैठे हैं।
इन पार्षदों ने आरोप लगाया कि पुलिस इन अधिकारियों को बचाने का प्रयास करते दिख रही है। जिनका तर्क है कि गरीबों को लूटने के इस खेल में पुलिस ने अबतक किसी नगर निगम अधिकारी से पूछताछ नहीं की है। जबकी उनके संरक्षण के बिना यह खेल संभव ही नहीं है।
उपरोक्त पार्षदों का कहना है कि जो भ्रष्टाचार सामने आया है वो सिर्फ एक जोन का है और असल खेल का मात्र 1 प्रतिशत है। पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच एसआईटी बनाकर की जानी चाहिये। जिससे नगर निगम की लाल बिल्डिंग के अंदर से संचालित गरीबों की अलग अलग योजनाओं का पैसा लूटने का यह गोरखधंधा बंद हो सके।
कांग्रेस पार्षदों ने कहा है कि इस मामले में वे नगर निगम आयुक्त एवं पुलिस अधीक्षक को भी मांग पत्र सौंपेंगे। वहीं अगर मामले की उच्चस्तरीय जांच नहीं की गई, तो वो नगर निगम के खिलाफ सड़क पर आंदोलन करेंगे।
असल खेल सामने आना बाकी….
पार्षद वकील अंसारी ने कहा कि अभी सिर्फ 1 जोन का पता लगा है, जो असल खेल का 1 प्रतिशत है। कई प्राइवेट कंप्यूटर सेंटर, कुछ नगर निगम के आउटसोर्स कर्मचारी और नगर निगम के एक दो अधिकारी संगठित रूप से इस तरह के फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं। इनकी मिलीभगत में ऐसे हितग्राहियों के नाम पर पैसे पास हो रहे हैं, जिन्हें पता ही नहीं या उन्हें जरूरत ही नहीं। जबकी सैंकड़ों जरूरतमंद हितग्राही परेशान हो रहे हैं।
बिना मिलीभगत खेल संभव नहीं…..
पार्षद अखतर अंसारी ने कहा हनुमानताल पुलिस ने जिन तीन लोगों को पकड़ा है वे इस खेल के मोहरे हैं। यह खेल तब तक नहीं रुकेगा, जबतक मास्टमाइंड तक पुलिस नहीं पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस प्रशासन ने नगर निगम के किसी भी कर्मचारी अधिकारी से पूछताछ नहीं की है यह प्रश्न का विषय है। क्योंकि बिना नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों की मिली भगत से यह कार्य संभव हो ही नहीं सकता है।
दूसरी योजनाओं में भी है यही खेल….
पार्षद कलीम खान ने कहा कि यह भ्रष्टाचार सिर्फ फर्जी मृत्यू प्रमाण पत्र बनाकर मजदूरों का पैसा निकालने तक ही सीमित नहीं है। ऐसा ही और घोटाला आवास योजना में भी बड़े पैमाने पर चल रहा है। जहां ऐसे लोगों को योजना का लाभ दिया जाता है, जिन्हें जरूरत ही नहीं है। जिनके मकान बने हुए, उन्हें आवास लोन उपलब्ध कराकर आपस में पैसे का बटवारा किया जाता है। वहीं जिन्हें जरूरत है, उन्हें सालों साल भटकाया जाता है। यही खेल विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, निगम से संचालित रोजगार योजनाओं में भी हो रहा है।
सड़क से सदन तक करेंगे आंदोलन
पार्षद शगुफ्ता उस्मानी ने कहा है कि इस भ्रष्टाचार और फर्जीवाडे में नगर निगम के कुछ अधिकारी भी काफी हद तक शामिल है। कांग्रेस पार्षदों द्वारा जल्द ही नगर निगम आयुक्त एवं पुलिस अधीक्षक महोदय से मुलाकात कर नगर निगम में चल रहे इस भ्रष्टाचार के खिलाफ एफआईआर करने की मांग की जाएगी। हम इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे। यदि जांच और कार्यवाही नहीं हुई तो सड़क से नगर निगम सदन तक आंदोलन प्रदर्शन किया जाएगा।
क्या है मामला: गरीब मजदूरों को मरा दिखाकर लूटने का खेल बेनकाब