इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष के लिए दू स्टेट सॉल्यूशन जरूरी
सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने ब्रसेल्स बैठक में किया सीजफायर का आह्वान

दुनिया अब में अब इस विषय पर गंभीरता से चर्चा हो रही है कि फलस्तीन इजरायल समस्या का स्थाई समाधान क्या है। मिडिल ईस्ट में स्थाई शांति कैसे आएगी। 06 महीने पहले हमास के हमले से भीषण हुई इजरायल जंग में अब दुनिया भर के देश परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से शामिल हो चुके है। वैचारिक और डिप्लोमैसी की सतह पर हर देश अब इस समस्या पर गंभीर है। इसी क्रम में ब्रसेल्स सम्मेलन में फिर एक बार इस विषय पर गंभीर चर्चा हुई।
इजरायल और फिलिस्तीन के इस विवाद पर अब सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने ब्रसेल्स में कहा कि इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष के लिए दू स्टेट सॉल्यूशन जरूरी है और इस पर बात होनी चाहिए।
सऊदी के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान बिन अब्दुल्ला ने कहा कि,
“ये टू स्टेट सॉल्यूशन इजरायल समेत सभी पक्षों के हित में है। उन्होंने गाजा में सीजफायर का आह्वान करते हुए बंधकों की रिहाई की मांग भी की। इस बीच यूरोपीय यूनियन के शीर्ष राजनयिक जोसेफ बॉरेल ने कहा कि टू स्टेट सॉल्यूशन किसी भी तरह से इजरायल के लिए ना तो पीड़ादायक और ना ही उसकी सुरक्षा के लिए खतरा होगा। ये सॉल्यूशन सुरक्षा और समृद्धि के लिए एक गारंटी है।”
बता दें कि सऊदी अरब और नॉर्वे ने फिलिस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने की कवायद के बीच ब्रसेल्स में एक मंत्रिस्तरीय बैठक की थी। इस बैठक में फिलीस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने का ऐलान करने वाले स्पेन, आयरलैंड और नॉर्वे का समर्थन करने वाले देश शामिल हुए। दशकों से चले आ रहे इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच टू-स्टेट सॉल्यूशन की बातचीत पर सभी सहमत है। इस प्लान के तहत फिलिस्तीन को अलग स्टेट का दर्जा देने की बात की जा रही है जबकि इजरायल अलग रहेगा। इससे दो शांति से अलग रह सकेंगे।
फिलिस्तीन अलग मुल्क नहीं…

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच कोई सीमा रेखा ही तय नहीं है।
इजरायल तो अलग देश है, लेकिन फिलिस्तीन अलग मुल्क नहीं। ये दो हिस्सों में बंटा हुआ है। एक हिस्से पर इस्लामी चरमपंथी संगठन हमास का कब्जा है, दूसरा हिस्सा वेस्ट बैंक हैं, जिसपर सरकार तो अलग है, लेकिन इजरायल का सिक्का चलता है।
साल 1991 में अमेरिका की मध्यस्थता के बाद मैड्रिड शांति सम्मेलन में टू-स्टेट सॉल्यूशन की बात उठाई गई थी। वैसे इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र कह चुका था, लेकिन अमेरिकी दखल के बाद इस पर बातचीत शुरु हई माना जा रहा है कि अलग-अलग होकर रहना ही इसका हल है, जो इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति ला सकता है।

140 देश दे चुके हैं मान्यता
बता दें कि इजरायल और हमास युद्ध के बीच नॉर्वे, स्पेन और आयरलैंड ने फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देने का ऐलान किया था। इन देशों का कहना है कि वे 28 मई से फिलिस्तीन को औपचारिक तौर पर एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे देंगे। इन देशों ने ये घोषणा ऐसे समय पर की, जब आईसीसी में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की गिरफ्तारी वॉरेन्ट जारी करने की मांग की जा रही है। फिलिस्तीन को मान्यता देने के साथ ये तीनों देश उन 140 से ज्यादा मुल्कों की सूची में शामिल हो जाएंगे, जिन्होंने वर्षों से फिलिस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे रखी है।