मोहरिया की दशकों पुरानी पानी की समस्या हल, लेकिन…
… हो सकता है नया मोहल्ला या चांदनी चौक से खड़े होकर देखने पर मोहरिया की टंकी सिर्फ एक पानी की टंकी दिखाई दे। लेकिन जब आप उस पानी की टंकी को मोहरिया वासियों की निगाहों से देखेंगे तो वो सिर्फ एक टंकी नहीं है। उनका 25 साल का इंतजार है।
बीते दिनों शुरु हुई मोहरिया पानी की टंकी जहां एक तरफ मक्का नगर मोहरिया और उससे लगे क्षेत्रों के लिये एक बड़ी सौगात है। वहीं दूसरी तरफ पूरी प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान है।
सवाल यह है कि जब पानी जैसी बुनियादी जरूरत के लिये 25 साल इंतजार और 08 साल लगातार संघर्ष करना पड़ेगा। तो गर्ल्स कालेज, शासकीय अस्पताल जैसी चीजों के लिये क्या 50-60 साल इंतजार और 20-25 साल संघर्ष करना पड़ेगा। इस सवाल का जवाब यहां की आवाम को खुद से और शासन प्रशासन से.. दोनों से पूछना चाहिये।
मोहरिया की पानी की टंकी के सफर को यदि शॉर्ट में देखा जाए, तो
- मोहिरया में पानी की समस्या तब से रही है। जब से यहां आबादी बसना शुरु हुई है।
- साल 2016 में यहां के तब के पार्षद राजू लईक ने लम्बी कोशिश के बाद नगर निगम में मोहरिया के लिये अमृत योजना के अंतर्गत टंकी पास कराई। लेकिन राजनीतिक कारणों से यहां कि टंकी, अंतिम समय में दूसरी जगह शिफ्ट कर दी गई।
- राजू के प्रयास जारी रहे, जिसका नतीजा था कि 2017 में फिर टंकी का प्रस्ताव पास हुआ। इस बार यह टंकी पार्षद मद और नगर निगम कोटे से बनना थी। पार्षद राजू लईक ने अपनी पार्षद मद से 38 लाख रुपये दिये। मोहरिया की टंकी पास हो गई।
- लेकिन टंकी पास होने के बाद भी अधिकारियों ने इसे फिर अटकाए रखा और वर्क आर्डर जारी नहीं किया। लेकिन बिना रुके थके राजू लाइक का संघर्ष जारी रहा।
- फिर साल 2018 में लखन घनघोरिया यहां से विधायक बने और फिर मंत्री बने। श्री घनघोरिया के प्रयास और निर्देश के नतीजे में अधिकारी मजबूर हुये और टंकी के लिये वर्कआर्डर जारी हुआ और टंकी बनना शुरु हुई।
- 2020 के आखिर में टंकी बनकर तैयार हो गई। लेकिन मेन लाईन, पाईप लाईन आदि कारणों और बहानों से टंकी रुकी रही। अधिकारियों ने हर संभव प्रयास किये, बन चुकी टंकी को किसी न किसी बहाने से चालू नहीं होने दिया गया।
- चुनाव जीत कर आए नये पार्षद कलीम खान ने सकारात्मक राजनीति का परिचय दिया। उन्होंने टंकी चालू करने के लिए सदन में लड़ाई लड़ी, सड़क पर लड़ाई लड़ी… अपनी हद तक हर संभव प्रयास उन्होंने किया।
- पाईप लाईन बिछाने का काम जल्द से जल्द पूरा हो, टंकी में पानी आये.. इसके लिये कलीम लगातार सफल प्रयास करते रहे। टंकी में पानी आने के बाद, अब घर घर तक पानी पहुँच जाये इसके लिए वो आज भी कोशिश कर रहे हैं।
- सारे काम होने के बाद भी जब टंकी चालू नहीं हुई, तो विधायक लखन घनघोरिया एक बार फिर पूरी ताकत के साथ अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ सडक पर उतरे।
- सबके सार्थक प्रयासों का नतीजा था कि 16 मार्च 2024 को पानी की टंकी शुरु हो गई।
टंकी का श्रेय किसे…
प्रस्ताव पास कराने से लेकर टंकी बनाकर तैयार कराने तक का सफर पूर्व पार्षद राजू लईक के संघर्ष से पूरा हुआ। पाईप लाईन बिछवाने और पानी चालू कराने और पानी घर घर तक पहुंचाने का सफर पार्षद कलीम खान के प्रयास से पूरा हुआ।
टंकी का वर्कआर्डर जारी कराने से लेकर टंकी में पानी जारी कराने तक का पूरा सफर विधायक लखन घनघोरिया के मार्गदर्शन और कोशिश से पूरा हुआ।
इसमे दो राय नहीं है कि मोहरिया पानी टंकी विधायक लखन घनघोरिया के सकारात्मक प्रयासों और गंभीरता के बिना कभी नहीं बन पाती।
क्योंकि नगर निगम कार्यालय ऐसी सैंकड़ों फाईलों से भरे हुये, जहां प्रस्ताव तो पास हो गये लेकिन वर्कआर्डर कभी जारी नहीं हुआ और काम कभी शुरु नहीं हुआ।
एक लाईन में कहा जाए तो मोहरिया पानी की टंकी विधायक लखन घनघोरिया के मार्गदशन में राजू लईक के लंबे संघर्ष और कलीम खान के सतत प्रयासों का नतीजा है।
सड़क पानी की लड़ाई में पीढ़िया गुजरती जाएंगी
आखिर में फिर वही पहली बात कि मोहरिया तक तो ठीक था, क्योंकि वहाँ की परिस्थिति अलग थी। लेकिन बाकी मुस्लिम समाज और क्षेत्रों से मेरी गुजारिश है कि रोड नाली पानी की लड़ाई से ऊपर आईये। यह बुनियादी चीजे हैं, इसे देना शासन प्रशासन की जिम्मेदारी है।
शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य की भी बात कीजिये।
शिक्षा रोजगार और स्वास्थ्य के प्रति अपने नेताओं को जवाबदेह बनाईये।
… वर्ना सड़क पानी की लड़ाई में पीढ़िया गुजरती जाएंगी। आप टंकी का जश्न मनाएंगे और सामुदायिक भवन पर तसल्ली करते रह जाएंगे।
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