मेगसेस अवार्ड विजेता संदीप पाण्डे भी गाजा के सपोर्ट में आए

गाजा और इजराइल पर अमेरिकी के रवैया से कई लोग नाराज हैं। इसके विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडे ने अपनी पीएचडी डिग्री कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले को लौटा दी है।
यूनिवर्सिटी को लिखे पत्र में संदीप पांडे ने कहा कि फलस्तीनियों पर आक्रामकता के चलते बच्चों समेत कई निर्दोष लोगों की हत्या हो गई है। यह विश्वास करना मुश्किल है कि अमेरिका लोकतंत्र और मानवाधिकारों के साथ खड़ा है।
साथ ही इस मुद्दे पर सिरैक्यूज यूनिवर्सिटी को अपनी एमएससी की दोहरी डिग्री भी संदीप पांडे ने लौटा दी है।
इन विश्वविद्यालयों को लिखे गए दो पत्रों में संदीप पांडे ने कहा कि चल रहे इस्राइल-गाजा युद्ध में अमेरिका की भूमिका निंदनीय है। मेरा मानना है कि अमेरिका युद्ध को समाप्त करने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता था और फलस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिलाकर समस्या का स्थायी समाधान ढूंढ सकता था, लेकिन इसके बजाए उसने आंख मूंदकर इस्राइल का सैन्य समर्थन करना जारी रखा है। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस्राइल के हमले में गाजा में 32 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
पत्र में पांडे ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के सभी रिकॉर्ड से अपना नाम हटाने का अनुरोध किया और सिरैक्यूज यूनिवर्सिटी से भी ऐसा ही अनुरोध किया, जहां से उन्होंने अपनी दोहरी एमएससी डिग्री हासिल की थी।
बता दें कि जनवरी में संदीप पांडे ने गाजा में इस्राइली हमले में अमेरिका की भूमिका के विरोध में अपना प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार लौटाने की घोषणा की थी, जो उन्हें 2022 में दिया गया था।
हालांकि सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संघर्ष विराम के लिए एक प्रस्ताव पारित करने में कामयाब रही क्योंकि अमेरिका ने वीटो करने के बजाए इस्राइल को नाराज कर दिया, जिससे दोनों करीबी सहयोगियों के बीच तनाव बढ़ गया। प्रस्ताव में गाजा में रखे गए सभी बंधकों की रिहाई का आह्वान किया गया है लेकिन इसमें संघर्ष विराम की शर्त नहीं रखी गई है। अमेरिका ने संघर्ष विराम के आह्वान वाले संयुक्त राष्ट्र के पिछले प्रस्तावों पर वीटो कर दिया था।
It’s a very big step l would like to say in series of a brave steps of Mr Pandey Ji. l salute you and thank to you for what you have done against genocide of Palestinians.