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दिल्ली दंगे 2020: मुस्लिम युवक की मौत की जांच सीबीआई को सौंपी गई

23 वर्षीय फैजान और उसके साथियों को पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा था

देश की राजधानी दिल्ली में 2022 में हुए दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस का जालिम चेहरा सामने आया था, जहां 23 वर्षीय फैजान और उसके साथियों को पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा था और घायल अवस्था में राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया था बाद में फैज़ान की मौत हो गई. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और अब दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है.

रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस अनूप जय राम भंभानी ने मामले की सुनवाई करते हुए जांच दिल्ली पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी है. कोर्ट ने कहा कि यह घटना घृणा अपराध की श्रेणी में आती है और फिर भी पुलिस की जांच धीमी और अधूरी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि फैजान पर हमला करने वाले संदिग्धों (पुलिस अधिकारियों) को माफ कर दिया गया है. अदालत के अनुसार, इससे भी बुरी बात यह है कि संदिग्धों (पुलिस अधिकारियों) को कानून के संरक्षक के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी दी गई थी। वे सत्ता और अधिकार की स्थिति में थे, लेकिन ऐसा लगता है कि वे कठोर मानसिकता से प्रभावित थे। अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि दिल्ली पुलिस की जांच विश्वास पैदा नहीं करती है, उसकी कार्रवाई अब तक बहुत धीमी और बहुत कम रही है।

दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि दिल्ली पुलिस से मामले की जांच का अधिकार लेने का कारण यह है कि कानून लागू करने वालों पर खुद इसका उल्लंघन करने का आरोप है. अपराध को अंजाम देने वाले खुद उसकी जांच करने वाली एजेंसी के सदस्य हैं. यह स्थिति विश्वास को प्रेरित नहीं करती. इसके अलावा दिल्ली पुलिस द्वारा अब तक की गई जांच में कई खामियां और अनियमितताएं देखी गई हैं। इसलिए, अदालत ने जांच की जिम्मेदारी स्थानांतरित करने का आदेश दिया और कहा कि अगर सीबीआई को कोई अन्य अपराध मिलता है तो वह एफआईआर में उसे जोड़ सकती है।

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