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वक्फ संशोधन बिल पेशः कमेटियों में गैर मुस्लिम सदस्यों रखने अनिवार्य, संपत्ति विवाद में वक्फ ट्रिब्यूनल की जगह कलेक्टर का निर्णय अंतिम होगा

नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल 2024 पेश किया। जिसका विपक्ष ने आवाज में विरोध किया। विपक्ष ने इसे फंडामेंटल राईट्स पर हमला बताया और संविधान की मूल भावना से खिलवाड़ करार किया।

कांग्रेस ने कहा अंवैधानिक

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इसका विरोध किया। वेणुगोपाल ने कहा कि यह बिल संविधान की ओर से दिए धर्म और फंडामेंटल राइट्स पर हमला है। उन्होंने साफ कहा कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अयोध्या के मंदिर में कोई नॉन हिंदू है, क्या किसी मंदिर की कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा गया है। वेणुगोपाल ने कहा कि वक्फ भी एक धार्मिक संस्था है। इस बिल से समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। उन्होंने दावा किया कि यह बिल महाराष्ट्र, हरियाणा के चुनावों के लिए बनाया गया है। आप नहीं समझते कि पिछली बार भारत की जनता ने आपको साफ तौर पर सबक सिखाया था। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है।

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औवेसी ने कहा मुसलमानों पर हमला

बिल पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों है… विधेयक को लाकर आप (केंद्र सरकार) देश को जोड़ने का नहीं बल्कि बांटने का काम कर रहे हैं। औवसी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि यह विधेयक इसका सबूत है कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।

सपा ने कहा सोची समझी राजनीति

वहीं बिल पर सपा सांसद अखिलेश यादव ने अपनी बात रखी। यह बिल जो पेश किया जा रहा है, वहां बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है…अध्यक्ष महोदय, मैंने लॉबी में सुना कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा….मैं इस बिल का विरोध करता हूं। अखिलेश के दावों का जवाब देकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, अखिलेश जी, क्या इस तरह की गोलमोल बात आप नहीं कर सकते..आप नहीं हो स्पीकर के अधिकार के संरक्षक।

एनसीपी ने की स्थायी समिति को भेजने की मांग

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध कर एनसीपी शरद गुट सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करती हूं कि या इस विधेयक को पूरी तरह से वापस ले या स्थायी समिति को भेज दें… कृपया परामर्श के बिना एजेंडा आगे न बढ़ाएं। लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करते हुए डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा, यह अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को अपने संस्थानों का प्रबंधन करने से संबंधित है। यह विधेयक एक विशेष धार्मिक समूह को लक्षित करता है।

लोकसभा में आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि आप वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद को पूरी तरह से कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप व्यवस्था को खत्म कर रहे हैं। यह संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि अगर इस कानून की न्यायिक जांच की गई तो यह निश्चित रूप से रद्द हो जाएगा।

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