खौफनाक नरसंहारः आज गाजा में स्कूल में फज़र की नमाज पढ़ते लोगों पर बम गिराया, तड़प तड़प कर शहीद हुये सैंकड़ों फलस्तीनी

गाजा में इंसानियत हर दिन दम तोड़ रही है। गाजा में इंसानियत हर दिन शर्मसार हो रही है। गाजा कत्लेआम हर दिन नये बदतरीन रिकार्ड बना रहा है। गिरती हुई इंसानियत शनिवार को और गिरी.. यहां गाजा सिटी के अलतबीन स्कूल में इस वक्त बम बरसाए गये जब लोग Fazr की नमाज अदा कर रहे थे।
इस जघन्य और दर्दनाक हमले में सौ से अधिक लोग मारे गये। वहीं दर्जनों हमेशा के लिये विकलांग हो गये। जिनकी मौतें हुईं उनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं। बताया जा रहा है कि मरने वालों में 40 ऐसे हैं जिनका जिस्म कई टुकड़ों में बंट चुका है। जिनका पहचान अब नामुम्किन है।
इस बदतरीन कत्ले आम की दुनिया के कुछ देशों ने निंदा करके खानापूर्ति की है। वहीं दूसरी तरफ इजरायली फौज की गाजा के अलग अलग हिस्सों में बमबारी जारी है।

नमाज में हुआ हमला
फिलिस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, गाजा शहर में बेघर लोगों को पनाह देने वाले एक स्कूल पर हुये इजरायली हमले में 100 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने शनिवार को हुए हमले के बारे में कहा कि दाराज जिले में स्थित अल-तबीन स्कूल पर तीन इजरायली बम गिरे। हमला उस समय हुआ जब लोग फङ्का की नमाज पढ़ रहे थे। हमले के बाद इमारत में आग लग गई

दक्षिणी गाजा के खान यूनिस से रिपोर्टिंग करते हुए, अल जजीरा के हानी महमूद ने कहा कि यह नागरिकों पर ‘जानबूझकर’ किया गया हमला था।
गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय के प्रमुख इस्माइल अल-थावाब्ता ने अल जजीरा को बताया कि इजरायली सेना ने अपने हमले में 2000 पाउंड (904 किलोग्राम) वजन वाले तीन बमों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि इजरायल को स्कूल के अंदर विस्थापित लोगों की मौजूदगी के बारे में पता था।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि एन्क्लेव पर इजरायल के युद्ध में कम से कम 39790 लोग मारे गए हैं और 91702 घायल हुए हैं।
हमास ने कहा वहां कोई हथ्यारबंद नहीं था…..
हमले के बाद हमास ने कहा है कि मध्य गाजा शहर के दराज इलाके में स्थित अल तबीन स्कूल में आज सुबह खौफनाक नरसंहार किया है। हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य इज्जत अल-रिश्क ने कहा कि स्कूल में कोई हथियारबंद लोग नहीं थे।
हमास ने अपने बयान में कहा कि स्कूल को हमास के कमांड सेंटर के रूप में इस्तेमाल करने के इज़राइल के दावे ‘नागरिकों, स्कूलों, अस्पतालों और शरणार्थी टेंटों को निशाना बनाने के बहाने हैं।
हमास ने कहा है कि हम अपने अरब और इस्लामी देशों से अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने और इन नरसंहारों को रोकने और हमारे लोगों और असहाय नागरिकों के खिलाफ बढ़ते सहयूनी हमलों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं।’
वहीं फलस्तीन के वेस्ट बेंक हिस्से में शासन करने वाले अल फतह ने कहा है कि यह हमला एक ‘घृणित खूनी नरसंहार’ था जो ‘आतंकवाद और अपराध के चरम’ को दर्शाता है। फतह ने कहा है कि यह नरसंहार बताता है कि यह हमला एक और गवाही है कि इजरायल सामूहिक नरसंहार की नीति पर चल रहा है।
ईरान, मिस्त्र जार्डन ने की निंदा…
ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शमखानी ने कहा कि इजरायल सरकार का मकसद सीज फायर को नाकाम करना और युद्ध जारी रखना था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा कि इजरायल ने फिर से दिखाया है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध नहीं है। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया और कहा कि गाजा में इजरायल की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। तो वहीं मिस्त्र ने कहा है कि इजरायल द्वारा निहत्थे फिलिस्तीनियों की ‘जानबूझकर हत्या’ से पता चलता है कि गाजा में युद्ध को समाप्त में उसे कोई दिलचस्पी नहीं है। वहीं जार्डन विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम अल-तबिन स्कूल पर इजरायल द्वारा की गई बमबारी की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें गाजा पट्टी के दाराज इलाके में विस्थापित लोग रहते हैं।’
संयुक्त राष्ट्र ने मांगी माफी …..
वहीं फलस्तीन में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत अल्बानीस ने हमले के बाद गाजा में बड़े पैमाने पर हो रहे कत्लेआम की तरफ दुनिया की ‘उदासीनता’ की निंदा की। अल्बानीस ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘इज़राइल एक समय में एक पड़ोस, एक समय में एक अस्पताल, एक समय में एक स्कूल, एक समय में एक शरणार्थी शिविर, एक समय में एक ‘सुरक्षित क्षेत्र’ में फिलिस्तीनियों का नरसंहार कर रहा है। अमेरिकी और यूरोपीय हथियारों के साथ।’
उन्होंने लिखा
‘फिलिस्तीनी हमें उनकी रक्षा करने में हमारी सामूहिक नाकामी के लिए माफ करें।’