ज्ञानवापी: मस्जिद कमेटी ने सर्वेक्षण की मांग वाली याचिका पर दाखिल किया जवाबी हलफनामा
वजूखाना और शिवलिंग से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर कथित शिवलिंग को छोड़कर वजूखाना क्षेत्र का एएसआई से सर्वेक्षण कराने की मांग वाली याचिका पर ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में कहा गया है कि वजूखाना और शिवलिंग से जुड़ा मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और स्थगन आदेश लगा है कि इसे संरक्षित किया जाना चाहिए और इसकी सुरक्षा वाराणसी के जिलाधिकारी को सौंपी गई है।
हलफनामे में कहा गया है कि आगे किसी भी प्रकार की कार्रवाई की अनुमति नहीं है। इसके बजाय याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट से संपर्क कर उसके 2022 के आदेश पर स्पष्टीकरण मांगना चाहिए। हलफनामे में आगे कहा गया है कि वाराणसी के जिला जज ने वजूखाना के सर्वेक्षण की मांग 21 अक्टूबर, 2023 को सिरे से खारिज कर दी थी, क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के अंतर्गत है। जवाबी हलफनामा को रिकॉर्ड में दर्ज करते हुए न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने याचिकाकर्ता के वकील को रिज्वाइंडर हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया और अगली सुनवाई 9 सितंबर तय की है।
एक वादकारी राखी सिंह ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में दलील दी है, कि न्याय हित में वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण जरुरी है, क्योंकि इससे अदालत को फैसले पर पहुंचने में मदद मिलेगी। हिंदू पक्ष के वकील ने दलील दी है कि संपूर्ण संपत्ति का धार्मिक चरित्र तय करने के लिए वजूखाने का एएसआई से सर्वेक्षण कराना जरुरी है। यह सर्वेक्षण सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक गैर आक्रामक पद्धति का उपयोग करके संभव है। उल्लेखनीय है कि एएसआई वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का पहले की सर्वेक्षण कर चुका है और वाराणसी के जिला जज को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।