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उत्तर प्रदेश में स्कूल में बदल दिए जायेंगे 500 से ज्यादा मदरसे

उत्तर प्रदेश सरकार ने सैकड़ों मदरसों को अपंजीकृत मदरसों की श्रेणी में डाल दिया है। अब खबर आ रही है कि सैकड़ों मदरसों में से कई मदरसों ने सरकार के सामने सरेंडर कर दिया है, जिनमें 513 मदरसे भी शामिल हैं। राज्य मदरसा बोर्ड ने इस संबंध में कार्रवाई करते हुए मामले को रजिस्ट्रार के पास भेज दिया है.

बताया जा रहा है कि जिन मदरसों ने अपनी मान्यता सरेंडर कर दी है, उनमें से ज्यादातर को बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता मिल रही है। दूसरे शब्दों में कहें तो ये मदरसे कुछ ही दिनों में स्कूल का रूप ले लेंगे.

रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के 513 मदरसों ने अलग-अलग समय पर राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड से अपनी मंजूरी वापस लेने के लिए याचिका दायर की थी और कल बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई. बोर्ड का कहना है कि राज्य के कई जिलों के करीब 513 मदरसों ने मंजूरी वापस लेने के लिए मदरसा बोर्ड में याचिका दायर की है. इस संबंध में प्रस्ताव आगे की कार्रवाई के लिए बोर्ड के रजिस्ट्रार को अधिकृत किया गया है। बैठक में मौजूद मदरसा शिक्षा बोर्ड के सदस्य कमर अली ने इस बात की पुष्टि की है कि बैठक में राज्य के 513 मदरसों की उस याचिका पर फैसला लिया गया, जिसमें उन्होंने अपनी मंजूरी सरेंडर करने की मंशा जताई थी.

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बताया जा रहा है कि मदरसों ने कई कारणों के आधार पर अपनी मंजूरी वापस लेने का अनुरोध किया है. इनमें सबसे अहम वजह मदरसा शिक्षा बोर्ड से नई मंजूरी प्रक्रिया है, जो काफी कठिन है. पहले मदरसों को मंजूरी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के स्तर से ही दी जाती थी, लेकिन अब यह अधिकार रजिस्ट्रार को दे दिया गया है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में करीब 25 हजार मदरसे हैं, जिनमें से करीब 16 हजार 500 मदरसे राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं.

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