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असम: मुसलमानों पर पुलिस फायरिंग, 2 की मौत, 12 घायल

असम में बांग्ला भाषी मुसलमानों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के दौरान फायरिंग की एक नई घटना सामने आई है। गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनपुर के कोसोटोली में प्रशासन के बुलडोजर ऑपरेशन का विरोध कर रहे मुसलमानों पर पुलिस ने अंधाधुंध फायरिंग की। इस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए।

हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार के तहत असम में मुसलमानों और मदरसों पर सख्ती बढ़ गई है। इस बार, गुवाहाटी के बाहरी इलाके में बांग्ला भाषी मुसलमानों के खिलाफ पुलिस की क्रूरता सामने आई है।

प्रशासन के मुताबिक, सोनपुर एंचल कार्यालय और पुलिस की टीम ने कोचू तुली गांव में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के लिए बुलडोजर लाया था। रिपोर्ट के अनुसार, जब प्रशासन ने मकानों को तोड़ने की कोशिश की, तो लोग अपने घरों को बचाने के लिए बुलडोजर के सामने खड़े हो गए। इस दौरान पुलिस ने फायरिंग की, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। मृतकों में हैदर अली और जवाहिद अली शामिल हैं। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

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प्रशासन का दावा है कि ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला किया था, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलाईं।

इस घटना के बाद इलाके में काफी गुस्सा है और सरकार ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। असम सरकार पर मुसलमानों के घरों, दुकानों, मस्जिदों और मदरसों को निशाना बनाने का आरोप है। गुवाहाटी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी असम सरकार की कार्रवाई पर फटकार लगाई है, लेकिन हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार ने मुस्लिम विरोधी नीतियों पर कायम रहकर यह कार्रवाई की है।

इस घटना के बाद असम के मुस्लिम छात्र संघ के प्रमुख आशिक रब्बानी ने कड़ी निंदा की है और घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।

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