Baz Health: मोबाइल ने युवाओं को डिजिटल ‘डिमेंशिया का शिकार’ बनाया

मोबाइल फोन और डिजिटल क्रांति ने युवाओं के जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं। इसके चलते उनकी पढ़ाई, खान-पान और नींद प्रभावित हो रहे हैं। अधिक मोबाइल उपयोग के कारण युवा अब डिजिटल डिमेंशिया नामक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग से युवा मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उनकी एकाग्रता कम हो रही है और नई चीजें सीखने की क्षमता भी प्रभावित हो रही है।
भोपाल में एक सर्वे के अनुसार, युवा एक दिन में औसतन 4 से 5 घंटे मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं। 20 से 40 साल की उम्र के लोग इस प्रवृत्ति में सबसे आगे हैं। डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी के मुताबिक, मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन मस्तिष्क के न्यूरॉन्स पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं।
डॉक्टरों की सलाह है कि युवाओं को खाली समय में सोशल मीडिया देखने के बजाय अपने आसपास के लोगों से बातचीत और रचनात्मक गतिविधियों में हिस्सा लेना चाहिए, ताकि वे इस बीमारी के दुष्प्रभावों से बच सकें।