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बड़ी जंग की आहट! नेतन्याहू के इजरायल-ईरान प्लान पर अमेरिका ने कहा – ‘हम समर्थन नहीं करेंगे

इजरायल-ईरान संघर्ष: नेतन्याहू के हमले पर अमेरिका का साफ संदेश

वाशिंगटन: ईरान और इजरायल के बीच तनाव के बीच एक बड़ी खबर आई है। इजरायली अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अगर ईरान ने हमला किया तो इजरायल उसकी आर्थिक धुरी—जैसे कि तेल और परमाणु संयंत्रों—को निशाना बना सकता है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमले के समर्थन में नहीं हैं।

इजरायल के जवाबी हमले की रणनीति: “ईरान का बुनियादी ढांचा हमारी नजर में”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ईरान पर जवाबी हमला करने की योजना बना रहा है, जिसमें ईरान के पावर प्लांट और तेल संयंत्रों को निशाना बनाने का इरादा है। इस हमले से ईरान की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है। इजरायली अधिकारियों ने कहा कि वे इस हमले का कुछ दिनों में करारा जवाब देंगे, जिसमें ईरान के अंदर मौजूद रणनीतिक स्थलों को टारगेट किया जाएगा।

इजरायल का सैन्य ऑपरेशन: “हम पूरी ताकत से हमला करेंगे”

इजरायल के रक्षा मंत्री और सैन्य अधिकारियों के बीच बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें इस बात पर चर्चा की गई कि ईरान पर हमला कैसे किया जाए। सूत्रों के मुताबिक, इजरायल अपने उन्नत लड़ाकू विमानों और मोसाद के खुफिया ऑपरेशनों का इस्तेमाल कर सकता है। इस दौरान, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि ईरान ने एक बड़ी गलती की है, और उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे।

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अमेरिका का रुख: ईरान पर हमला नहीं, लेकिन सहयोग जरूरी

अमेरिका ने इस जंग को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर इजरायल के हमले का समर्थन नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि इजरायल से इस मसले पर बातचीत की जाएगी। अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाने की बात भी की, लेकिन इजरायल को ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए अमेरिकी समर्थन की आवश्यकता है।

क्या बढ़ेगा संघर्ष? इजरायल-ईरान युद्ध की आहट

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इजरायल ईरान पर हमला करता है, तो ईरान भी पलटवार करेगा, जिससे युद्ध के बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना बन सकती है। ऐसे में अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि इजरायल ने अमेरिका से अपनी सैन्य तैनाती और सहयोग की मांग की है। अमेरिका अपनी वायुसेना और नौसेना को अलर्ट पर रखे हुए है और आपात स्थिति में सैन्य सहयोग देने की योजना बना रहा है।

अमेरिका और G7 देशों की बढ़ती चिंता

अमेरिका और G7 देशों ने इस बढ़ते तनाव के बीच आपसी चर्चा की है। अमेरिका इस समय मध्य-पूर्व में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाने पर विचार कर रहा है, और यदि स्थिति बिगड़ती है, तो इजरायल को सहयोग देने की तैयारी में है।

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