जबलपुर को 50 साल से ज्यादा रौशन करने वाले पत्रकार कादिर खान अफरीदी नहीं रहे..

करीब 50 साल से ज्यादा के अर्से तक बिना रुके, बिना थके जबलपुर शहर की पत्रकारिता, उर्दू और हिन्दी अदब की खिदमत करने वाले शहर के बुजुर्ग पत्रकार कादिर खान अफरीदी साहब का 86 साल की उम्र में इंतकाल हो गया. खान साहब को इतवार के दिन बाद नमाजे जोहर मंडी मदार टेकी कब्रस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया. जहां पत्रकारिता, साहित्य, राजनीतिक, धार्मिक प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में परिजन एवं शहरवासी मौजूद रहे.
मोहतरम अफरीदी साहब अपने इंतेकाल के 15 दिन पहले तक पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहे और प्रेस में काम करते रहे.
अफरीदी साहब को शहर का वरिष्ठतम पत्रकार कहा जाता था. आपने 50 सालों से ज्यादा पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने खिदमात दीं.
गुजरे जमाने के अखबार जबलपुर से प्रकाशित होने नवीन दुनिया में लम्बे समय तक अपनी सेवाएं दीं.
फिर प्रभात खबर, दैनिक भास्कर सहित देश और प्रदेश के बड़े मीडिया संस्थानों में सेवाएं दीं.

इसके बाद वे बीते 18 सालों से एक्स प्रेस मीडिया सर्विस (ईएमएस) में अपनी सेवाएं दे रहे थे. हाल ही में 15 दिन पहले वो अस्वस्थ्य हुये और हस्ते मुस्कुराते इस दुनिया को अलविदा कह गये.
श्री अफरीदी खेल पत्रकारिता में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखते थे. वहीं हिन्दी और उर्दू साहित्य को आमजन तक पहुंचाने में भी उनका योगदान अमिट रहा. उन्होंने दीनी खानकाहों के पैगाम को शहर के हर खास ओ आम तक अपनी पत्रकारिता के जरिये पहुंचाया.

जिंदगी के आखरी दौर तक वे पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहे. उनके इंतकाल से जबलपुर के पत्रकारिता जगत में एक ऐसा खाली जगह पैदा हुई है. जो अब सालों तक भरी नहीं जा सकेगी.
आपकी जिंदगी, पत्रकारिता को लेकर आपका जुनून मौजूदा और आने वाली कई पीढियों को रास्ता दिखाती रहेगी.