Jabalpur

(जबलपुर) मस्जिद हुदा खतीजतुल कुबरा में नए सिलेबस का आगाज़

जबलपुर, मध्य प्रदेश – मध्य प्रदेश में पहला जुज़ वक्ति मकतब मस्जिद हुदा में शुरू किया गया है, जिसमें एक इफ्तिताही कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय 200 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत तिलावते कुरान से हुई, जिसे हाफिज मुबश्शिर साहब, पेश ईमाम मस्जिद हुदा ने पेश किया। इसके बाद, मकतब की बच्चियों ने तराना पेश किया। जुज़ वक्ती मकातिब का तआरुफ गुलाम साबिर साहब ने कराया और बच्चों की तालीम में वालदेन के किरदार पर जनाब मोहम्मद इम्तियाज़ साहब, माविन अमीर हल्का ने खिताब दिया।

स्टेज की शान बढ़ाने वाले मेहमानों में शहीद अशफाक उल्लाह खां वार्ड के पार्षद वकील अहमद अंसारी, समाजी शख्सियत हाजी महमूद अहमद (गुड्डू किराना), हाजी मंसूर साहब, हाजी मंजूर साहब, मस्जिद के सरपरस्त पप्पू पहलवान, और मस्जिद हुदा के सद्र जनाब शकील अहमद साहब शामिल थे।

विज्ञापन

कार्यक्रम का समापन इजहारे तशक्कुर और दुआ के साथ हुआ, जिसमें सभी ने मिलकर नई नस्ल की तालीम के लिए दुआ की।

नई सिलेबस की विशेषताएं

गुलाम साबिर ने बताया कि मौजूदा समय की चुनौतियों को देखते हुए बच्चों की तालीम में बुनियादी बदलाव की आवश्यकता है। आज के दौर में फहाशी, बेपरदगी, और बड़ों के अदब में कमी आ रही है। ऐसे में, दीनी तालीम एक सशक्त उपाय है, जिससे बच्चों को इन बुराइयों से बचाया जा सके।

नया सिलेबस चार साल की अवधि पर आधारित है, जिसमें अरबी नाज़रा, अकाएद, दुआओं के साथ-साथ दीनी फ़िक्र भी शामिल है। यह सिलेबस बच्चों को न केवल अच्छे मुसलमान बनने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें एक दीनी दाई के रूप में भी तैयार करेगा।

विज्ञापन

कार्यक्रम की सफलता में योगदान

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मस्जिद के मुसल्लियान ने अहम भूमिका निभाई, जिनमें मोहम्मद शफीक, कल्लू किराना, तौसीफ, सेईद भीईया, और नौशाद शामिल थे। उनकी मेहनत और सहयोग ने इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया।

इस नए जुज़ वक्ती मकतब का आगाज़ निश्चित रूप से समाज में दीनी तालीम को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Back to top button

You cannot copy content of this page