VPS tax free limit increase : सरकार कर-मुक्त वीपीएफ सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है
VPS tax free limit increase – सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) में कर-मुक्त योगदान की मौजूदा सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में, वीपीएफ में 2.5 लाख रुपए से अधिक का योगदान करने पर अर्जित ब्याज पर कर लगाया जाता है। यह पहल मुख्य रूप से निम्न-मध्यम और मध्यम आय वर्ग के लोगों को अपनी बचत बढ़ाने और रिटायरमेंट के लिए अधिक फंड जुटाने में मदद करने के उद्देश्य से की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रम मंत्रालय इस प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है और इसे वित्त मंत्रालय के साथ आगामी वित्त वर्ष 2026 के बजट विचार-विमर्श के दौरान चर्चा का विषय बनाया जा सकता है। वीपीएफ एक वैकल्पिक योजना है, जिसमें वेतनभोगी कर्मचारी अनिवार्य ईपीएफ के अतिरिक्त अपनी बचत बढ़ाने के लिए योगदान कर सकते हैं। इस योजना में ईपीएफ के समान ब्याज मिलता है, जो चक्रवृद्धि दर पर सालाना आधार पर जोड़ा जाता है।
वीपीएफ में अधिकतम योगदान मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 100 प्रतिशत तक हो सकता है, जिससे कर्मचारियों को अतिरिक्त बचत का अवसर मिलता है। यदि कोई कर्मचारी पांच साल की न्यूनतम अवधि पूरी करने से पहले पैसा निकालता है, तो यह राशि कर के अधीन हो सकती है।
2022 के बजट में लागू की गई 2.5 लाख रुपए की कर-मुक्त ब्याज सीमा का उद्देश्य उच्च आय वर्ग के कर्मचारियों को इस योजना का उपयोग कर बैंक या सावधि जमा की तुलना में अधिक कर-मुक्त ब्याज अर्जित करने से रोकना था। अब सरकार इस सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है, ताकि मध्यम आय वर्ग के लोग ज्यादा बचत कर सकें।
ईपीएफओ के पास वर्तमान में 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का फंड है, जिसमें सात करोड़ से अधिक मासिक अंशदाता और 75 लाख से अधिक पेंशनभोगी शामिल हैं। ईपीएफओ और वीपीएफ में प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपए का निवेश करने पर 8.25 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के हिसाब से 30 साल में लगभग 3.3 करोड़ रुपए जमा किए जा सकते हैं। यदि सरकार इस प्रस्ताव को लागू करती है, तो यह मध्यम आय वर्ग के लिए वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो सकता है।