जबलपुर, 25 अक्टूबर 2024: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह की अपील याचिका खारिज कर दी है। न्यायाधीश संजय द्विवेदी की अध्यक्षता में हुई सुनवाई में अदालत ने स्पष्ट किया कि ट्रायल कोर्ट में चल रहे मानहानि मुकदमे को आगे बढ़ाने का आदेश दिया है।
श्री विवेक तंखा द्वारा दायर मानहानि का यह मामला पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेताओं के खिलाफ है। जिसमे श्री तंखा ने आरोप लगाया है कि चौहान और उनके सहयोगियों ने उनके खिलाफ झूठे बयान दिए, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है। नेताओं ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी, जिसमें उन्होंने मामले की निराधारता को प्रस्तुत किया था।
सुनवाई में प्रमुख तर्क
मामले की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने श्री तंखा का पक्ष रखा। उन्होंने अदालत के समक्ष कई सबूत पेश किए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि आरोप गंभीर हैं और उन्हें उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत निपटाया जाना चाहिए। सुनवाई के अंत में, उच्च न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
मानहानी केस में अब आगे क्या..
आज सुनाए गए निर्णय में अदालत ने श्री तंखा के द्वारा प्रस्तुत सभी बिंदुओं को मानते हुए अपील खारिज कर दी। इस फैसले से स्पष्ट होता है कि मानहानि का मुकदमा आगे बढ़ेगा, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। जानकार मान रहे हैं कि यह मामला मध्य प्रदेश की राजनीति में भी महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है।
श्री विवेक तंखा की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री विवेक तंखा ने कहा, “मुझे शुरू से विश्वास था कि उच्च न्यायालय मेरे द्वारा प्रस्तुत किए गए सबूतों के आधार पर सही निर्णय देगा। सच्चाई की जीत में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन अंततः सत्य की ही विजय होती है। मुझे भारत की न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है।”
राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज
उच्च न्यायालय के इस निर्णय ने मध्य प्रदेश की राजनीतिक धारा में नई चर्चा को जन्म दिया है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला आगामी चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। नेताओं की छवि और मानहानि के आरोपों के बीच, जनता की राय भी इस मामले पर गहराई से प्रभावित होगी।