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BAZ Health: आंतों का कैंसर अब युवा पीढ़ी को, पाचन तंत्र से जुड़े कैंसर के मामलों में तेज़ वृद्धि

आंतों का कैंसर: कैंसर अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह तेजी से युवा वर्ग को भी अपनी चपेट में ले रहा है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में 44 देशों के कैंसर रजिस्ट्री डेटा का विश्लेषण किया गया, जिससे यह पता चला कि आंत और पाचन तंत्र से संबंधित कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में। यह वृद्धि विशेष रूप से उच्च और मध्यम आय वाले देशों में देखी जा रही है, जहां जीवनशैली, खानपान और शारीरिक गतिविधियों में बदलाव इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं।

युवाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों के प्रमुख कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, डायबिटीज, तंबाकू और शराब का सेवन, वायु प्रदूषण, और पश्चिमी आहार शैली, जिसमें अधिक मात्रा में रेड मीट का सेवन किया जाता है, इसके मुख्य कारण हैं। इसके अलावा, विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि खाद्य पदार्थों में मिलाए जाने वाले रासायनिक तत्व और एडिटिव्स भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं, जिनका अभी तक पूरी तरह से अध्ययन नहीं किया जा सका है।

आंतों के कैंसर में खतरनाक वृद्धि

पेट और पाचन तंत्र से जुड़े कैंसर के मामलों में वृद्धि सबसे अधिक देखी जा रही है। आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जापान जैसे देशों में कोलोरेक्टल कैंसर (आंतों का कैंसर) के मामले हर साल औसतन 2% तक बढ़ रहे हैं। ब्रिटेन में यह दर 3% है, जबकि कोरिया और इक्वाडोर में यह वृद्धि 5% तक देखी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह वृद्धि इसी दर से जारी रही, तो अगले 10-20 वर्षों में इसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं।

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मोटापा और कैंसर का बढ़ता संबंध

आजकल मोटापा एक आम समस्या बन चुकी है, और यह कैंसर के जोखिम को कई गुना बढ़ा रहा है। जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की महामारी विशेषज्ञ डॉ. एलिजाबेथ प्लैट्ज़ का मानना है कि यह अध्ययन यह साबित करता है कि कैंसर अब सिर्फ वृद्धों का ही रोग नहीं रहा, बल्कि युवा पीढ़ी भी इसका शिकार हो रही है। वे कहती हैं, “मोटापा पहले एक दुर्लभ समस्या हुआ करता था, लेकिन अब यह युवा वर्ग में भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कैंसर का खतरा और बढ़ गया है।”

स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता

आज के समय में कैंसर एक ऐसी बीमारी बन गई है जो न केवल वृद्धों में, बल्कि युवाओं में भी बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ते खतरे को रोकने के लिए स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित शारीरिक गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना जरूरी है। अगर हम इस दिशा में ध्यान नहीं देंगे, तो आने वाले समय में कैंसर के मामलों में और भी वृद्धि हो सकती है।

युवाओं में कैंसर के मामलों का बढ़ना एक गंभीर चिंता का विषय है, जो मुख्य रूप से जीवनशैली और खानपान से जुड़ा हुआ है। यह समय की आवश्यकता है कि हम इस बढ़ते खतरे के प्रति जागरूक हों और इसे रोकने के लिए अपनी आदतों में बदलाव लाएं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, कैंसर जैसे जानलेवा रोग से बचा जा सकता है और लंबी, स्वस्थ जिंदगी की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है।

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