शेयर बाजार धोखाधड़ी : एआई के जरिए से साइबर ठग लोगों से शेयर बाजार में लगवा रहे पैसा
मोटा मुनाफा होने पर हड़प लेते हैं रकम

शेयर बाजार धोखाधड़ी: भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने का रुझान लगातार बढ़ रहा है, लेकिन इस बढ़ती हुई लोकप्रियता का फायदा अब साइबर अपराधी भी उठा रहे हैं। ट्रेडिंग ऐप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से निवेशकों को लुभाने के बाद ठग लोग एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का इस्तेमाल करके फर्जी ऐप्स और ग्रुप्स के जरिए लाखों-करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे हैं। इन धोखाधड़ी के मामलों में अब तक कई नामी अफसर और कारोबारी भी शिकार बन चुके हैं।
हाल ही में मुंबई की एक महिला आईएएस अधिकारी को फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स के माध्यम से एक करोड़ रुपये की ठगी का सामना करना पड़ा। जालसाजों ने खुद को शेयर बाजार के इंटरनेशनल एक्सपर्ट के रूप में प्रस्तुत किया और महिला अधिकारी को निवेश के लिए मजबूर किया। इसी प्रकार, यूपी पुलिस की एक आईपीएस अधिकारी का दावा है कि उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से 381 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था, लेकिन अंत में ठगों ने उनकी पूरी रकम हड़प ली। तमिलनाडु के एक कारोबारी की पत्नी को भी ऐसे ही फर्जी ऐप्स के जरिए करीब 10.27 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा।
साइबर अपराधियों का तरीका
आंकड़ों के अनुसार, इस साल के पहले चार महीनों में भारतीयों ने साइबर ठगी के कारण 1,420.48 करोड़ रुपये गंवाए हैं। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि साइबर अपराधियों के शिकार होने वाले निवेशकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ठगों का तरीका अब काफी परिष्कृत हो चुका है। वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और यूट्यूब पर आकर्षक विज्ञापनों के जरिए लोगों को फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स के बारे में जानकारी देते हैं। इन विज्ञापनों में शेयर बाजार से भारी मुनाफे का वादा किया जाता है, और निवेशकों को इन ऐप्स पर अपना पैसा निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
यहां तक कि ठग अपने ऐप्स पर फर्जी डीमैट अकाउंट बनाने के लिए भी लोगों को कह सकते हैं। इस तरह की गतिविधियों के जरिए वे निवेशकों को अपने जाल में फंसा लेते हैं। इसके बाद, निवेशकों को ग्रुप चैट्स और फेक प्रोफाइल के माध्यम से झांसा दिया जाता है, जिन पर मुनाफे के बड़े स्क्रीनशॉट पोस्ट किए जाते हैं, ताकि नए निवेशकों का विश्वास जीता जा सके। इन जालसाजों द्वारा बनाए गए ग्रुप्स में हजारों फर्जी मेंबर होते हैं, जिनकी प्रोफाइल्स भी नकली होती हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय का बयान
केंद्रीय गृह मंत्रालय की 4सी (Indian Cyber Crime Coordination Centre) यूनिट ने इस वर्ष के पहले चार महीनों में ट्रेडिंग स्कैम्स के कारण भारतीयों द्वारा गंवाए गए 1,420.48 करोड़ रुपये का आंकड़ा जारी किया है। मंत्रालय के अनुसार, इस प्रकार के स्कैम्स का तरीका लगातार उन्नत हो रहा है और साइबर अपराधियों द्वारा एआई और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि वे अपने शिकार को और अधिक प्रभावी तरीके से ठग सकें।
निवेशकों के लिए सावधानियां
इस बढ़ते हुए धोखाधड़ी के खतरे को देखते हुए विशेषज्ञों ने निवेशकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें। यदि किसी वेबसाइट या ऐप पर अत्यधिक मुनाफे का वादा किया जाता है, तो उसे लेकर पूरी तरह से जांच-पड़ताल करें। विशेष रूप से किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें और अपने निवेश के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही किसी भी ऐप या प्लेटफॉर्म पर पैसा लगाएं।
आर्थिक और साइबर सुरक्षा के जानकारों के अनुसार, यदि कोई ऐप या वेबसाइट दावा करती है कि वह आपको रातों-रात करोड़पति बना देगी, तो यह एक बड़ा लाल झंड़ा है। ऐसे ऐप्स अक्सर आपके व्यक्तिगत डेटा और बैंकिंग जानकारी को भी चोरी करने का प्रयास करते हैं। इसलिए, इस तरह के निवेश से बचना सबसे अच्छा विकल्प है।
शेयर बाजार में निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है, लेकिन इससे जुड़ी धोखाधड़ी और साइबर अपराधों से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है। निवेशकों को फर्जी ऐप्स, विज्ञापनों और ग्रुप चैट्स से बचकर केवल भरोसेमंद और सुरक्षित प्लेटफॉर्म्स पर ही निवेश करना चाहिए। साइबर अपराधी लगातार नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं, और ऐसे में सही जानकारी और सतर्कता से ही हम इन धोखाधड़ी से बच सकते हैं।