
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर के सीसामऊ सीट से विधायक रहे इरफान सोलंकी को जमानत दे दी है, लेकिन उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई है। इसका मतलब यह है कि उनकी विधायकी बहाल नहीं हो सकती, और सीसामऊ सीट पर उपचुनाव अब बिना किसी रुकावट के होगा। इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा दी गई थी, जो उनके विधानसभा सदस्यता को समाप्त करने के लिए पर्याप्त थी, क्योंकि 2 साल से अधिक की सजा होने पर विधायकी चली जाती है।
इरफान सोलंकी पर आगजनी का आरोप था, जिसके बाद कानपुर की एपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ इरफान ने हाईकोर्ट में अपील की थी और सजा पर रोक लगाने के साथ जमानत की मांग की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली, लेकिन सजा पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई है।
इरफान सोलंकी की विधायकी समाप्त होने के बाद, सीसामऊ सीट पर उपचुनाव होना तय था। इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने इरफान की पत्नी, नसीम सोलंकी को प्रत्याशी के रूप में उतारा है।
हालांकि, इरफान सोलंकी को जमानत मिलने के बावजूद जेल से बाहर आने में समय लगेगा, क्योंकि उनके खिलाफ गैंगस्टर और आधार कार्ड मामले में अभी भी जमानत मिलनी बाकी है। फिर भी, इस फैसले से सीसामऊ उपचुनाव पर कोई संकट नहीं आया है और यह चुनाव अब बिना किसी बाधा के होगा।