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DuniaNewsमिडिल ईस्ट

इजरायली रिपोर्ट में खुलासा : ‘हिजबुल्लाह से हार रहा इजरायल’, जल्द से जल्द समझौता की मांग

गुरुवार को इज़राइली मीडिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट ने जंग की स्थिति को लेकर चिंता जताई है। मीडिया का कहना है कि फिलहाल युद्ध का कोई अंत नहीं दिखता और यह युद्ध समाप्त होने के बाद भी अलग अलग रूप में और अलग-अलग क्षेत्रों में जारी रहेगा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इज़राइल के नागरिकों के बीच यह सवाल लगातार उठ रहा है कि यह जंग  कब तक चलेगी, खासकर उनके निवास स्थानों और बस्तियों के लिए यह संकट कब खत्म होगा।

कमजोर होती गोलानी ब्रिगेड

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इज़राइल की सबसे महत्वपूर्ण सैन्य इकाई, गोलानी ब्रिगेड, गज़ा पट्टी और लेबनान में तैनात है, लेकिन अब यह इकाई गंभीर समस्याओं का सामना कर रही है। गोलानी ब्रिगेड, जो इज़राइल के सबसे प्रभावी और अग्रिम मोर्चे पर तैनात बल के रूप में जानी जाती है, अब लड़ाकों की भारी कमी से जूझ रही है। मीडिया में यह भी कहा गया कि “लेबनान गोलानी सैनिकों के खून से सना हुआ है,” और इसके बलिदानों का इतिहास 1982 से लेकर 2006 तक के संघर्षों तक फैला हुआ है।

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इज़राइली सेना के नुकसान और सच्चाई

इज़राइली सेना के प्रवक्ता ने हाल ही में यह पुष्टि की कि 51वीं बटालियन के एक प्लाटून कमांडर और पांच अन्य सैनिकों की मौत हाल की मुठभेड़ में हो गई। जबकि इज़राइली अधिकारी हिजबुल्लाह के खिलाफ अपनी “जीत” का दावा कर रहे हैं, ज़मीन पर स्थिति इसके बिल्कुल उलट है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इज़राइल के कुछ हिस्सों में बस्तियाँ तबाह हो चुकी हैं, हाइफा पर ड्रोन हमले हो रहे हैं और गश डान और हाइफा को मिसाइलों से निशाना बनाया जा रहा है।

उत्तर में स्थितियों की गंभीरता को भी उजागर किया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर इज़राइल में पिछले एक साल से कोई विकास नहीं हुआ है और यह क्षेत्र पूरी तरह से उजड़ चुका है। इज़राइली मीडिया ने यह कहा कि अगर युद्ध लंबा खींचता है तो इज़राइल की उपलब्धियाँ घटती जाएंगी। सभी सैन्य ऑपरेशंस, जैसे कि हसन नसरल्लाह को निशाना बनाना, पेजर हमले, या हिजबुल्लाह के नेताओं और मिसाइल क्षमताओं पर हमला करना, एक पुरानी कहानी बन जाएगी।

समझौते की ज़रूरत

इज़राइली मीडिया ने यह निष्कर्ष निकाला है कि “आज हम एक खून-खराबे की वास्तविकता में जी रहे हैं,” जहाँ इज़राइली सैनिक अधिक मारे जा रहे हैं और मिसाइलों को रोकने के बावजूद कोई ठोस लाभ नहीं मिल रहा। इसका मतलब यह है कि अब इज़राइल को समझौते की ओर बढ़ने की आवश्यकता है, ताकि युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त किया जा सके।

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हिजबुल्लाह की ताकत: इज़राइली सेना के लिए खतरा

इज़राइली मीडिया में यह भी कहा गया है कि हाल के महीनों में हिजबुल्लाह की ताकत में भी वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल के ऑपरेशनल रूम ने चेतावनी दी है कि इज़राइली सेना द्वारा दक्षिणी लेबनान में “जमीनी जंग” के दूसरे चरण में प्रवेश करने से इज़राइली बलों को और नुकसान हो सकता है।

1 अक्टूबर 2024 से लेकर अब तक, इज़राइल ने 100 से अधिक सैनिकों की मौत की पुष्टि की है, और 1000 से ज्यादा सैनिक घायल हो चुके हैं। इसके अलावा, इज़राइली चैनल 14 के सैन्य संवाददाता ने हाल ही में बताया कि गाज़ा और लेबनान के मोर्चों पर 11 सैनिकों की मौत हो चुकी है और 10 से अधिक घायल हुए हैं।

हिजबुल्लाह सीधे तेल अवीव पर हमले कर रहा

एक प्रमुख घटना जो इज़राइली मीडिया में चर्चा का विषय बनी, वह थी तेल अवीव के किरिया बेस पर हिजबुल्लाह द्वारा किया गया हमला। इसके बाद, केंद्रीय इज़राइल के क्षेत्रों में भी रॉकेट दागे गए। रिपोर्ट्स में यह कहा गया कि यह हमला युद्ध के तीसरे चरण की ओर इशारा करता है, और इससे यह स्पष्ट होता है कि हिजबुल्लाह अपनी दी गई धमकियों को साकार कर रहा है।

चैनल 12 के राजनीतिक संवाददाता यारोन अव्राहम ने कहा कि तेल अवीव पर हमले से यह साबित हो गया कि हिजबुल्लाह के पास अत्यधिक मिसाइल क्षमता है। उनका कहना था कि “जो लोग इस ताकत को नकारते हैं, वे गलत हैं।” उनका यह भी कहना था कि अगर संघर्ष विराम हुआ भी, तो यह मिसाइल क्षमता हिजबुल्लाह के पास बनी रहेगी, और वह भविष्य में इसे और भी बेहतर तरीके से उपयोग कर सकता है।

भविष्य के लिए गंभीर संकेत

इज़राइली सेना के सेवानिवृत्त मेजर जनरल एतान डांगोट ने भी चैनल 12 से बात करते हुए कहा कि हिजबुल्लाह अपनी मिसाइल और ड्रोन क्षमताओं को बनाए रखे हुए है और इनका इस्तेमाल करके उसे कई सफलताएँ मिल रही हैं। उनका यह मानना है कि हिजबुल्लाह की यह क्षमता भविष्य में इज़राइल के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है, चाहे युद्ध का अंत हो या न हो।

समझौते की ओर बढ़ने का समय

इज़राइली मीडिया की रिपोर्ट्स यह स्पष्ट करती हैं कि युद्ध के लंबा खिंचने के कारण इज़राइल की स्थिति हर दिन और भी कठिन होती जा रही है। गोलानी ब्रिगेड की मुश्किलें, इज़राइली सैनिकों के नुकसान, और हीज़बुल्लाह की मिसाइल क्षमता, ये सभी संकेत दे रहे हैं कि इस युद्ध का कोई स्पष्ट और शीघ्र समाधान नहीं है। इज़राइल के लिए यह समय गंभीर रणनीतिक विचार और जल्द से जल्द किसी समझौते की ओर बढ़ने का है, ताकि और अधिक जीवन की हानि को रोका जा सके।

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