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जबलपुर में डिजिटल अरेस्ट स्कैम से पहली मौत, जांच में जुटी टीम

आत्महत्या को मजबूर हुआ युवक

प्रदेश में बीते कुछ माह से चर्चित हो रहे डिजिट अरेस्ट स्कैम का सनसनीखेज मामला जबलपुर में सामने आया है. जहां गोरखपुर थानाक्षेत्र में रहकर होटल में काम कर रहे युवक सुभाष लगुन ने डिजिटल आरेस्ट होने के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। मर्ग जांच में इस बात का खुलासा होने के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है।

पुलिस ने बताया कि नेपाल से यहां रोजगार के लिए आए 19 वर्षीय सुभाष लगुन के पास 5 अगस्त की रात अननोल मोबाइल नंबर से कॉल आया, जिसने दूसरे नंबर से उसके मोबाइल पर एक कुछ वीडियो क्लिप वाट्सएप करते हुए रुपयों की मांग की। इस डिजिटल आरेस्ट से सुभाष इतना डर गया कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सुभाष का मोबाइल चेक किया तो पूरा मामला सामने आया। पुलिस ने उन दोनों मोबाइल नंबर धारकों की पतासाजी में जुटी है।

गौरतलब है कि डिजिटल अरेस्ट धोखेबाजों का यह सबसे नया और आधुनिक तरीका है। ठग पुलिस बनकर ऑडियो कॉल या फर्जी वीडियो कॉल के जरिए परिवार के किसी सदस्य को गंभीर गुनाह के आरोप में गिरफ्तार करने की बात करते हैं और बदले में पैसे मांगते हैं। जबलपुर में डिजिटल अरेस्ट के चलते मौत का यह पहला मामला बताया जा रहा है. जिला पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुये संगठित अपराध के एंगल से भी जांच कर रही है.

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पूरे प्रदेश में बढ़ रहे मामले…..

मध्य प्रदेश इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं । पिछले 8 महीने में अकेले भोपाल से 20 से ज्यादा मामले आए सामने आ चुके हैं। बताया जा रहा है कि डिजिटल अरेस्ट के जरिए एक करोड़ 55 लाख से ज्यादा की ठगी भोपाल में हो चुकी है।

प्रशासन द्वारा चेतावनी दिए जाने के बाद भी लोग डिजिटल अरेस्ट के शिकार हो रहे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो डिजिटल अरेस्ट कर स्कैमर्स हर दिन 6 करोड़ रुपये की ठगी कर रहे हैं। इस साल मात्र 10 महीनों में ही ठग 2140 करोड़ रुपये का चूना लगा चुके हैं। हर महीने साइबर अपराधी औसतन 214 करोड़ रुपये का फ्रॉड कर रहे हैं।

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बाज़ मीडिया जबलपुर डेस्क 'जबलपुर बाज़' आपको जबलपुर से जुडी हर ज़रूरी खबर पहुँचाने के लिए समर्पित है.
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