
नई दिल्ली: 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर पूरे देश में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस ऐतिहासिक दिन को मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देशवासियों को बधाई दी और भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर अपने विचार साझा किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस की बधाई देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा, “सभी देशवासियों को भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।” पीएम मोदी ने संविधान के महत्व और उसकी स्थायिता पर जोर देते हुए यह भी कहा कि भारतीय संविधान ने देश को लोकतंत्र की नींव दी और यह हम सभी को समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस अवसर पर संविधान दिवस पर शुभकामनाएं दीं और ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “भारत जैसे विशाल देश में लोकतंत्र की ताकत हमारा संविधान है, जो राष्ट्रीय एकता और अखंडता का मूल मंत्र देता है।” शाह ने आगे कहा, “बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर जी सहित संविधान के सभी शिल्पियों के योगदान को चिरस्मर्णीय बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी जी ने ‘संविधान दिवस’ मनाने की शुरुआत की।” उनका मानना है कि भारतीय संविधान केवल एक किताब नहीं, बल्कि यह हमारे सार्वजनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसे हमें पूरी श्रद्धा के साथ आत्मसात करना चाहिए।
अमित शाह ने आगे कहा, “हमारा विश्वास है कि संविधान महज मंचों पर दिखाने का एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे सर्वोत्तम योगदान की कुंजी है, जिससे हम एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लें।”
नागरिकों के अधिकार और रोचकता से भरा है भारतीय संविधान
भारत में हर साल संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन साल 1949 में भारत का संविधान अपनाया गया था। 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद संविधान की आवश्यकता को महसूस किया गया। संविधान तैयार करने में दो वर्ष, 11 माह और 18 दिन का वक्त लगा। जिसके बाद भारत गणराज्य का संविधान आधिकारिक तौर पर लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है। 26 नवंबर को ही संविधान को अनाधिकृत तौर पर इसलिए लागू किया गया, क्योंकि इस दिन संविधान निर्माण समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ सर हरिसिंह गौर का जन्मदिन होता है। हालांकि पहली बार संविधान दिवस साल 2015 से मनाया गया और तब से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
2015 में संविधान दिवस मनाने की शुरुआत होने की भी एक वजह थी। वर्ष 2015 में संविधान निर्माता डॉ।
भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती थी। आंबेडकर को श्रद्धांजली देने के लिए इसी वर्ष संविधान दिवस मनाने का फैसला गया। ये फैसला सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने लिया। इस दिन को मनाने का मकसद संविधान के महत्व और डा भीमराव आंबेडकर के विचारों को फैलाना है। भारतीय संविधान के निर्माण का श्रेय डॉ। भीमराव आंबेडकर को दिया जाता है। बाबा साहेब संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। उन्हें भारतीय संविधान का जनक भी कहा जाता है। संविधान सभा में 389 सदस्य थे और डॉ। राजेंद्र प्रसाद इसके अध्यक्ष थे। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इस में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हैं। भारतीय संविधान संघात्मक और एकात्मक दोनों तरह का है। हमारे संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों का भी जिक्र है।