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रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में गधे लेकर पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ता, कुलपति की नियुक्ति पर विरोध प्रदर्शन

जबलपुर, 3 दिसंबर 2024: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ. राजेश वर्मा की नियुक्ति को लेकर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई कार्यकर्ता गधे लेकर विश्वविद्यालय पहुंचे और उन्हें माला पहनाकर च्यवनप्राश खिलाया। उनका कहना था कि “घोड़ों को घास नहीं मिल रही, जबकि गधे च्यवनप्राश खा रहे हैं,” और इसी तरह रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में भी स्थिति बन चुकी है।

एनएसयूआई के प्रदेश सचिव अदनान अंसारी ने कहा कि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर उनका विरोध लगातार जारी है। उनका आरोप है कि डॉ. राजेश वर्मा की नियुक्ति एक गलत और फर्जी प्रक्रिया के तहत की गई है। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने पहले भी विश्वविद्यालय में कुलपति के खिलाफ नकली नोट लेकर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोक-झोंक हुई थी। इसके बाद एनएसयूआई ने दस्तावेजों के आधार पर कुलपति की नियुक्ति को गलत ठहराया था।

मंगलवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ता एक बार फिर गधे लेकर विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार पर पहुंचे और करीब एक घंटा तक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, जो कार्यकर्ताओं को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश कर रहा था। विरोध प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच तीखी झड़प भी हुई।

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एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में बिना डिग्री वाले प्रोफेसर को नियुक्त किया गया है, और इसीलिए गधों के जरिए विरोध जताया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कुलपति की नियुक्ति में गंभीर अनियमितताएं हैं, और यदि सरकार ने डॉ. राजेश वर्मा को नहीं हटाया तो वे विश्वविद्यालय का घेराव करेंगे।

एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष सचिन रजक ने कहा, “हम लगातार इस नियुक्ति के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और यदि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती तो हम विश्वविद्यालय का घेराव करने पर मजबूर होंगे।”

प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने गधों को माला पहनाकर च्यवनप्राश खिलाया, और इस अंदाज में अपने विरोध को और अधिक तीव्र किया। उनका कहना था कि यह तरीका यह दिखाने के लिए है कि विश्वविद्यालय के हालात भी इस समय ठीक वैसे ही हैं जैसे घोड़ों को घास नहीं मिल रही और गधे च्यवनप्राश खा रहे हैं।

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बाज़ मीडिया जबलपुर डेस्क 'जबलपुर बाज़' आपको जबलपुर से जुडी हर ज़रूरी खबर पहुँचाने के लिए समर्पित है.
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