
जबलपुर: शहर के गोराबाजार क्षेत्र में एक घटना सामने आई है, जिसमें उपभोक्ता ने बिजली विभाग के वेंडर और ठेकेदार के खिलाफ चोरी छिपे स्मार्ट मीटर लगाने की शिकायत की है। शिकायत के अनुसार, उपभोक्ता का आरोप है कि उनके घर में बिना अनुमति के स्मार्ट मीटर लगाया गया, जबकि उनके घर में कोई नहीं था और बिजली आपूर्ति भी पूरी तरह से बंद थी। इस मामले में उपभोक्ता ने गोराबाजार थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।
तिलहरी स्थित प्रगति नगर के निवासी अनमोल दुबे ने बताया कि मंगलवार, 3 दिसंबर को दोपहर करीब 3 बजे वह अपने घर से बाहर गए थे और घर में ताला लगा कर चले गए थे। उनका कहना है कि जब वह शाम को करीब 9 बजे घर लौटे, तो देखा कि उनके घर में एक नया स्मार्ट मीटर लगा हुआ था। इसके अलावा, उन्होंने पाया कि छह घंटे तक बिजली बंद रहने के बावजूद, मीटर पर खपत यूनिट बढ़ती जा रही थी, जो बेहद चौंकाने वाला था।
अनमोल दुबे का कहना है कि यह पूरी घटना घर में बिना किसी अनुमति के घुसकर और खराब मीटर को बदलकर की गई साजिश है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के कर्मचारियों ने उनके घर में बिना सूचना या अनुमती के मीटर लगाया और उस दौरान बिजली आपूर्ति बंद थी, फिर भी मीटर में खपत दिखाई दे रही थी।
शिकायत और पुलिस कार्रवाई
इस घटना के बाद, अनमोल दुबे ने गोराबाजार थाने में बिजली विभाग के वेंडर, ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। उनका आरोप है कि यह पूरी घटना बिजली विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से हुई है। उन्होंने पुलिस से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
अनमोल दुबे ने नगर कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ शर्मा को भी इस मामले की जानकारी दी। श्री शर्मा ने सोशल मीडिया पर मीटर का वीडियो वायरल करते हुए आरोप लगाया कि यह मीटर जनता को लूटने और सरकार की जेब भरने के लिए लगाया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों का विरोध किया जाना चाहिए और लोग इसके खिलाफ जागरूक रहें।
बिजली विभाग और ठेकेदार मिलकर धोखाधड़ी कर रहे : शर्मा
कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने कहा कि इस घटना से साफ जाहिर होता है कि बिजली विभाग और ठेकेदार मिलकर जनता के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर मीटर का वीडियो साझा किया और लोगों से अपील की कि इस प्रकार के कार्यों का विरोध करें और इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में उपभोक्ता के साथ खड़ी है और उनकी मदद करेगी।
बिजली विभाग की प्रतिक्रिया
वहीं, इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इस बारे में विभाग की ओर से औपचारिक बयान अभी तक जारी नहीं किया गया है।
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे सायबर मीटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी हो सकती है। वहीं, उपभोक्ताओं को इस प्रकार के मामलों में अधिक सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी का सामना न करना पड़े।