सरकारें साम्प्रदायिक ताकतों और उनके एजेंडे का समर्थन बंद करें : जमीयत उलमा ए हिंद

किशनगंज के लहरा चौक पर हजारों लोगों को संबोधित करते हुए जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने सरकारों को चेतावनी दी कि वे सांप्रदायिक ताकतों और उनके एजेंडे का समर्थन करना बंद करें। उन्होंने कहा कि यदि सरकारों ने जाति, धर्म और भेदभाव को खत्म करने के प्रयास नहीं किए तो यह देश के खिलाफ सबसे बड़ी गद्दारी होगी।
मौलाना मदनी ने कहा कि विकास के कदम जरूर जरूरी हैं, लेकिन यदि समाज में सांप्रदायिक भेदभाव और राजनीति का खेल जारी रहा तो इससे देश की स्थिरता को खतरा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में मुसलमानों को कानूनी, सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर करने की साजिशें तेज हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज के लिए न्याय और समानता सबसे बड़ा पैमाना है। लेकिन पिछले कुछ समय से अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला और न्यायालयों में उठे सवाल इस स्थिति को और गंभीर बना रहे हैं।

वक्फ एक्ट पर भी जताई चिंताएं
मौलाना मदनी ने वक्फ एक्ट पर भी बात करते हुए कहा कि, “वक्फ एक धार्मिक मामला है और यह किसी राजा या सरकार की संपत्ति नहीं है। यह पूरी तरह से मुसलमानों द्वारा छोड़ी गई संपत्तियां हैं।”
उन्होंने कहा कि वक्फ के उद्देश्य गरीबों की मदद और मानवता की भलाई के लिए हैं। सरकार द्वारा वक्फ एक्ट में संशोधन की कोशिशों को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस कानून के माध्यम से वक्फ पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन को जमीयत उलमा-ए-हिंद स्वीकार नहीं करेगी।
मुसलमानों से अपील
मौलाना मदनी ने मुसलमानों से कहा कि इस मुश्किल समय में उनका जवाब संयम, समझदारी और विवेक के साथ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अपनी रणनीति में सूझबूझ दिखानी होगी और नफरत से दूर रहकर एक-दूसरे के सहयोग के लिए काम करना होगा।
अन्य नेताओं का भी संबोधन
इस सम्मेलन में कई अन्य प्रमुख नेताओं ने भी हिस्सा लिया और अपने विचार साझा किए। इनमें मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, मुफ्ती मोहम्मद अफ़ान मंसूरीपुरी, मुफ्ती जावेद इकबाल और मुफ्ती इफ्तेखार कासमी जैसे लोग शामिल थे।
इसके अलावा किशनगंज से कांग्रेस सांसद जावेद आलम, अब्दुल वाहिद चिश्ती, एएमएलए मौलाना सऊद इसरार और अन्य लोग भी मौजूद रहे।
एकता और भाईचारे का दिया संदेश
सम्मेलन में सभी नेताओं ने राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और सभी धर्मों के बीच भाईचारे की जरूरत पर जोर दिया।