मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक लखन घनघोरिया ने उठाए जबलपुर के अहम मुद्दे, 3 मंत्रियों को देना पड़ा जवाब

मध्य प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र में जबलपुर शहर से जुड़ी कई प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की गई। जबलपुर पूर्व क्षेत्र के विधायक लखन घनघोरिया ने अपने सवालों के जरिए जलप्लावन, ड्रेनेज सिस्टम, डेयरी कॉलेज के स्थानांतरण, और सिहोरा कटरा में अवैध रेत खदान हादसे के मामलों को उठाया। इन सवालों का जवाब प्रदेश के विभिन्न मंत्रियों ने दिया, जिनमें नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राजस्व मंत्री करण सिंह और पशुपालन मंत्री लखन पटेल शामिल थे।
डेयरी कॉलेज के स्थानांतरण पर मंत्री से माँगा जवाब
विधायक लखन घनघोरिया ने अपने सवाल में डेयरी टेक्नोलॉजी और फूड साइंस विश्वविद्यालय को जबलपुर से अन्य स्थान पर स्थानांतरित किए जाने के संभावित प्रस्ताव के बारे में पूछा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा किया जाता है, तो यह जबलपुर के साथ अन्याय होगा।
इस पर पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में इस विश्वविद्यालय के स्थानांतरण का कोई प्रस्ताव नहीं है और ना ही इसके लिए सक्षम स्वीकृति दी गई है। मंत्री का यह बयान जबलपुर के लोगों के लिए राहत का कारण बना। हालांकि, विधायक घनघोरिया ने कहा कि यदि भविष्य में ऐसा कोई निर्णय लिया जाता है, तो वे उसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।
जबलपुर में जलप्लावन पर किया सवाल
विधायक ने सवाल उठाया कि जबलपुर में जलप्लावन (फ्लडिंग) से बचाव के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और ड्रेनेज सिस्टम पर कितना खर्च हुआ है।
इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब दिया कि ड्रेनेज सिस्टम के सुधार पर अब तक कुल 364.7 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 2010 में 5 बड़े और 130 छोटे नालों के पक्कीकरण का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन 2017 में यह कार्य रुक गया। इसके अतिरिक्त, नाले-नालियों की नियमित सफाई के लिए 8 करोड़ 87 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।
अवैध रेत खदान हादसा और मुआवजे पर विवाद
विधायक घनघोरिया ने सिहोरा कटरा में अवैध रेत खदान हादसे और मझगवां में एक ऑटो दुर्घटना में मारे गए और घायल हुए व्यक्तियों के मुआवजे पर भी सवाल उठाए।
राजस्व मंत्री करण सिंह ने जानकारी दी कि कलेक्टर जबलपुर ने तत्काल सात मृतकों के परिजनों को 15,000 रुपये और घायलों को 7,500 रुपये की राशि मुआवजे के रूप में दी थी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से मृतक मजदूरों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये अतिरिक्त प्रदान किए गए।
हालांकि, विधायक घनघोरिया ने मुआवजे के वितरण पर ऐतराज जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति वर्ग के मृतकों को 8 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए था, जबकि उन्हें केवल 2 लाख रुपये दिए गए हैं। घनघोरिया ने इसे अन्यायपूर्ण करार देते हुए मुआवजे की राशि को बढ़ाने की मांग की। इस पर राजस्व मंत्री करण सिंह ने मामले की जांच का आश्वासन दिया।